साइबर सैल ने दबोचे करोड़ों का बैंक घोटाला करने के आरोपी

Edited By Priyanka rana,Updated: 31 Jan, 2020 12:36 PM

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पंजाब पुलिस के साइबर क्राइम सैल ने उच्च तकनीक के प्रयोग से करोड़ों रुपए का बैंक घोटाला करने वाले रैकेट का पर्दाफाश किया है।

चंडीगढ़(रमनजीत) : पंजाब पुलिस के साइबर क्राइम सैल ने उच्च तकनीक के प्रयोग से करोड़ों रुपए का बैंक घोटाला करने वाले रैकेट का पर्दाफाश किया है। जालसाजों ने फर्जी नाम पर खुलवाए 5 बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करके ए.टी.एम. और चैक के जरिए निकलवा लिए। आरोपियों को मोहाली कोर्ट ने 5 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा है। 

पंजाब पुलिस के ब्यूरो ऑफ इन्वैस्टीगेशन के प्रवक्ता ने बताया कि एच.डी.एफ.सी. बैंक के लोकेशन मैनेजर इनवैस्टिगेशन, रिस्क इंटेलिजैंस और कंट्रोल यूनिट विजय कुमार ने 30 दिसम्बर 2019 को एच.डी. एफ.सी. बैंक के खाते से तकनीकी पैंतरों से करीब 2 करोड़ रुपए के घोटाले की शिकायत दी थी। 

जालसाजों के काम करने के तरीकों संबंधी बताते हुए प्रवक्ता ने कहा कि धोखाधड़ी करने वालों ने पीड़ित के बैंक खातों से रजिस्टर्ड ई-मेल आई.डी. और मोबाइल नंबर को चालाकी से मोबाइल नंबर और ई-मेल आई.डी. के साथ बदल दिया और पूरा कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया। जांच में खाता खोलने व मोबाइल सिम हासिल करने के लिए जमा किए सभी सरकारी आई.डी. प्रुफ में चिप आधारित ड्राइविंग लाइसैंस, पैन कार्ड, होलोग्राम वाले वोटर कार्ड फर्जी पाए गए हैं।

उन्होंने बताया कि जालसाजों ने सभी पैसे ए.टी.एम. काड्र्स और चैक से निकलवाए हैं और पुलिस के लिए कोई सुराग नहीं छोड़ा। जालसाज  वारदात को देते समय ही मोबाइल का प्रयोग करते थे, जिसके बाद वह मोबाइल बंद कर देते थे। जांच में पता लगा कि यह रैकेट लुधियाना से काम कर रहा था और इसमें 3 व्यक्ति शामिल थे। गिरोह के एक मैंबर की पहचान राजीव कुमार पुत्र देव राज निवासी न्यू शिमलापुरी, लुधियाना के तौर पर हुई है।

प्रवक्ता के मुताबिक तालाशी और प्राप्त विवरणों के आधार पर इस केस में 3 लोगों को नामजद किया था और इनमें से दो आरोपी राजीव कुमार पुत्र देव राज और दीपक कुमार गुप्ता पुत्र दर्शन लाल गुप्ता को 28 जनवरी 2020 को शिमलापुरी लुधियाना से गिरफ्तार किया। इनका एक साथी पुलिस के हाथ नहीं लगा है।

आरोपियों के खातों से 10 लाख बरामद, करोड़ों के 4 अन्य केस भी हुए हल :
आरोपियों से उनके अपने खातों में जमा 10,00,000 रुपए बरामद किए और अन्य बरामदगियां जल्द की जाएंगी। इन आरोपियों की गिरफ्तारी से करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी से संबंधित 4 अन्य केस भी हल हो गए। 

इसी तरह के आरोपियों ने राम काला निवासी नाहरपुर, हरियाणा के साथ 80 लाख रुपए की ठगी मारी थी, जिस संबंधी एक केस 2019 में एफ.आई.आर. 169 अधीन थाना मानेसर, हरियाणा में दर्ज किया गया था और इनकी गिरफ्तारी के साथ यह केस भी हल हो गया। प्रवक्ता के मुताबिक जांच प्रक्रिया दौरान अन्य केस हल होने की संभावना है। 

उपरोक्त गिरफ्तार किए गए दोनों मुलजिमों को ज्यूडिशियल मैजिस्ट्रेट एस.ए.एस. नगर की अदालत में पेश किया गया और दोनों आरोपियों को 5 दिनों के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। शिकायत मिलने पर प्राथमिक जांच की गई, जिसके आधार पर आई टी एक्ट की धारा 66, 66 सी, 66 डी, आइ.पी.सी. की धारा 420, 465, 468, 471, 120-बी के अंतर्गत एक केस एफ.आई.आर. थाना स्टेट साइबर क्राइम, पंजाब में दर्ज किया गया है।

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