Edited By ,Updated: 08 Mar, 2017 04:46 PM
लिंगानुपात के मामले में बदनाम हरियाणा और पंजाब का कलंक धुलने लगा है। दोनों ही राज्यों में लिंगानुपात में काफी सुधार देखने को मिला है। हाल में आए नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 (2015-16) के मुताबिक, पंजाब ने दस सालों में लिंगानुपात में 126 प्वाइंट की...
चंडीगढ़ : लिंगानुपात के मामले में बदनाम हरियाणा और पंजाब का कलंक धुलने लगा है। दोनों ही राज्यों में लिंगानुपात में काफी सुधार देखने को मिला है। हाल में आए नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 (2015-16) के मुताबिक, पंजाब ने दस सालों में लिंगानुपात में 126 प्वाइंट की बढ़ोतरी की है, जबकि हरियाणा ने 74 प्वाइंट की।
इस मामले में पंजाब पड़ोसी राज्यों हरियाणा और दिल्ली से आगे निकल गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते 10 सालों की तुलना में पंजाब में लड़के व लड़कियों के लिंगानुपात में 126 प्वाइंट की बढ़ोतरी हुई है। इस दिशा में करीब एक दशक पहले नवांशहर में पूरी गंभीरता के साथ चलाए गए जागरूकता अभियान ने पूरे पंजाब को सीख दी थी। इस अभियान से संदेश मिला कि अगर इस दिशा में इमानदारी के साथ कोशिश की जाए, तो परिणाम बेहतर होंगे।
साल 2005 में पंजाब में एक हजार लड़कों के मुकाबले 734 लड़कियों का जन्म होता था, जबकि 2015 में 860 लड़कियों का। हरियाणा में भी कुछ ऐसी स्थिति थी। साल 2005 में हजार लड़कों के मुकाबले 762 लड़कियों का जन्म होता था, जो अब 836 तक पहुंच गया है।
चंडीगढ़ पूरे उत्तर भारत में अव्वल :
लिंग अनुपात में चंडीगढ़ पूरे उत्तर भारत में पहले स्थान और देश में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 (2015-16) के मुताबिक, पिछले पांच सालों में एक हजार लड़कों के मुकाबले कुल 989 लड़कियों ने जन्म लिया है। जनगणना 2011 के मुताबिक (0-6 आयु वर्ग) चंडीगढ़ का लिंग अनुपात एक हजार लड़कों के मुकाबले 867 दर्ज किया था। चंडीगढ़ से आगे दादरा नगर हवेली है, जिसका लिंग अनुपात 1013 है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है इस इलाके का लिंग अनुपात पहले से ही काफी बेहतर रहा है।
अप्रैल में तैयार होंगे आंकड़े :
पंजाब के स्वास्थ्य विभाग की तरफ से अभी 2016 का आंकड़ा तैयार नहीं किया जा रहा है। अप्रैल तक पंजाब में पैदा होने वाले लड़कियों व लड़कों के बारे में पिछले साल का आंकड़ा तैयार होगा। इसके बाद भी एनएफएचएस व पंजाब हेल्थ विभाग के संबंधित विंग के आंकड़ों में काफी अंतर है।
ये आंकड़े पंजाब के स्वास्थ्य विभाग ने पैदा होने वाले बच्चों के पंजीकरण के आधार पर तैयार किया है। इसके मुताबिक 2015 में पंजाब में 230629 लड़के व 205541 लड़कियां पैदा हुई थीं। 2014 में 246605 लड़के व 217084 लड़कियां व 2013 में239064 लड़के व 209345 लड़कियां पैदा हुई थीं। 2013 में लिंगानुपात 876 तो 2014 में 880 व 2015 में 891 हो गया है। एनएफएचएस की रिपोर्ट में 2015 में 860 का लिंगानुपात बताया गया है।
कहां कितना लिंगानुपात बढ़ा :
शहर 2005-06 2015-16
हरियाणा 760 836
पंजाब 734 860
दिल्ली 840 817
उत्तराखंड 912 888
जम्मू-कश्मीर 902 922
हिमाचल 913 936
चंडीगढ़ -- 981