Edited By Niyati Bhandari,Updated: 29 May, 2019 10:25 AM
शनि जिस पर अपनी कृपा दृष्टि डालते हैं तो उसके वारे-न्यारे हो जाते हैं और जिस अधर्मी पर अपनी क्रूर दृष्टि डालते हैं तो वह दर-दर भटकने को मजबूर हो जाता है इसलिए सदैव सद्कर्म ही करें।
ये नहीं देखा तो क्या देखा (Video)
जालंधर (धवन) : शनि जिस पर अपनी कृपा दृष्टि डालते हैं तो उसके वारे-न्यारे हो जाते हैं और जिस अधर्मी पर अपनी क्रूर दृष्टि डालते हैं तो वह दर-दर भटकने को मजबूर हो जाता है इसलिए सदैव सद्कर्म ही करें। पंचकूला के लाल किताब के ज्योतिषी आर.के. वर्मा के अनुसार शनि जयंती पर भी मंगल की पूर्ण दृष्टि शनि पर रहेगी जिसके फलस्वरूप मंगल शनि में जहर भरने का काम करता है जिस कारण जातकों के साथ-साथ सृष्टि में भी अशुभ घटनाएं घटित होती हैं।
अगर आप अपनी कुंडली में विराजमान शनि का उच्चतम फल प्राप्त करना चाहते हैं तो पहले मंगल के अशुभ प्रभाव को कम करना होगा, इसके लिए गरीब बच्चों को देसी घी से बने लड्डुओं के साथ खाना खिलाना सबसे बेहतर है। मजदूरों को खुश किया जाना चाहिए तथा रिक्शा चालक जो आपका बोझ उठाता है उससे भाव फिक्स न किया जाए।
उन्होंने कहा कि 3 जून को शनि जयंती पर शनि पूजन में शनि देव के विग्रह पर काले तिल का तेल अर्पित करें, देसी घी से बने लड्डू से शनिदेव को भोग लगाते हुए ‘ॐ भौं भौमाये नम:’ का मंत्र उच्चारण अवश्य करें व तीन पुड़िया काले तिल की काले कपड़े में बांध कर तेल में भिगो कर अग्नि में प्रज्वलित कर शनिदेव के विग्रह के समक्ष खड़े होकर आहूति दें व ‘ॐ प्रां:प्री:प्रौं:स: शनैश्चराय नम:’ मंत्र का उच्चारण करते हुए शनि विग्रह की परिक्रमा करें।