Edited By ashwani,Updated: 29 Oct, 2020 11:18 PM
मनप्रीत मामले के हल के लिए केंद्रीय मंत्री से मिलेंगे, केंद्र को फैसले पर रिव्यू की अपील
चंडीगढ़, (अश्वनी): पंजाब के ग्रामीण विकास फंड (आर.डी.एफ.) को केंद्र द्वारा रोकने के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र ङ्क्षसह ने केंद्र को फिर गौर करने की अपील की है। इस कदम से राज्य में ग्रामीण विकास कामों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। केंद्र के फैसले के समय पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आर.डी.एफ. जारी न करने की ऐसी कोई रिवायत नहीं है, जो पिछले फंडों के प्रयोग की जांच के दौरान राज्य का बकाया है। उन्होंने मामले को सुलझाने के लिए वित्त मंत्री मनप्रीत बादल को दिल्ली जाकर उपभोक्ता मामलों संबंधी केंद्रीय मंत्री को मिलने के लिए कहा है, क्योंकि कदम ने राज्य को पेश वित्तीय संकट के दरमियान और चोट पहुंचाई है।
कैप्टन ने कहा कि राज्य सरकार फंडों के प्रयोग संबंधी केंद्र की तरफ से मांगे विवरण सौंपेगी जैसे बीते समय में भी किया जाता रहा है। केंद्र के फैसले पर गंभीर ङ्क्षचता जाहिर करते हुए कहा कि यह पहली बार नहीं है कि भारत सरकार की तरफ से इस्तेमाल फंडों की जांच की जानी हो परंतु जहां तक आर.डी.एफ. जारी न करने का संबंध है, ऐसा पहली बार हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती कानूनों पर विवाद और संकट के दरमियान 1000 करोड़ से अधिक राशि के रूप में आर.डी.एफ. की अदायगी पंजाब को जारी न करने के केंद्र के फैसले के समय पर अलग-अलग तरफ से शंकाएं जाहिर की जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि फैसला लेने का समय संदिग्ध है और कदम संदेहयुक्त इरादे की तरफ इशारा करता है। मुख्यमंत्री ने केंद्र को फैसले पर तुरंत फिर गौर करने और आर.डी.एफ. फंडों की अदायगी की अपील करते हुए कहा कि बीते समय की तरह मौजूदा समय भी फंडों की जांच जारी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे केंद्र सरकार को भलीभांति पता है कि फंडों को राज्य की अनाज मंडियों, ग्रामीण इलाकों में सड़कों के निर्माण कार्यों जैसे अहम कृषि मंडीकरण बुनियादी ढांचे पर खर्चा जाता है। यह फंड जारी न करने की सूरत में गांवों के विकास में रुकावट पड़ेगी और किसानों में गुस्सा और बढ़ेगा जो पहले ही केंद्रीय खेती कानूनों के खिलाफ लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं।