जब तक काले क़ानून रद्द नहीं होते अन्नदाता के हक में बुलंद रखेंगे आवाज- ‘आप’

Edited By Hitesh,Updated: 23 Jul, 2021 06:20 PM

we will raise voice in favor of kisan

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ संघर्ष कर रहे किसानों के बारे में अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के रोष में शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी के प्रदेश भर में पुतले जलाए और अपमानजनक व अभद्र शब्दावली के लिए...

नेशनल डेस्क: तीन कृषि कानूनों के खिलाफ संघर्ष कर रहे किसानों के बारे में अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के रोष में शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी के प्रदेश भर में पुतले जलाए और अपमानजनक व अभद्र शब्दावली के लिए अन्नदाता से माफी मांगने की मांग की। इस समय नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्रीय सरकार के खिलाफ गुस्सा जाहिर करते ‘आप’ वर्करों और नेताओं ने कहा कि जब तक किसान विरोधी तीनों काले क़ानून रद्द नहीं किए जाते, तब तक आम आदमी पार्टी सडक़ से लेकर संसद तक किसानों की आवाज बुलंद रखेगी।

शुक्रवार को पार्टी हेडक्वाटर से जारी बयान में पार्टी के किसान विंग के अध्यक्ष और विधायक कुलतार सिंह संधवां ने बताया कि ‘आप’ नेताओं और वर्करों ने अमृतसर, जालंधर, होशियारपुर, गुरदासपुर, पठानकोट, नवा शहर, लुधियाना और पटियाला समेत कई अन्य स्थानों पर केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी के पुतले जलाए और केंद्र की मोदी सरकार के विरुद्ध रोष प्रदर्शन किए गए।

पार्टी नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी और केंद्रीय सरकार पर आरोप लगाया कि भाजपा के मंत्री और नेता जानबूझ कर किसानों के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं। जिससे किसान गुस्से में आकर गैर संवैधानिक गतिविधियों को अंजाम दें। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को याद रखना चाहिए कि किसान देश का अन्नदाता है न कि कोई गुंडा-मवाली या आतंकवादी। देश का संविधान नागरिकों को अपने हकों की चौकीदारी के लिए शांतिपूर्वक रोष प्रदर्शन करने और धरने लगाने की पूर्ण आजादी देता है और किसानों के आंदोलन को देश के कानून्नदाताओं समेत विश्व भर के राजनैतिक और सामाजिक नेताओं ने पूरा समर्थन दिया है।

केंद्रीय मंत्री बीबी लेखी को भाजपा का इतिहास जानने की सलाह देते ‘आप’ नेताओं ने कहा भाजपा के स्वर्गवासी नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी बीते समय किसानों के आंदोलन का आगे होकर समर्थन किया करते थे और किसानों को देश का अन्नदाता कह कर मान-सम्मान दिया करते थे, परन्तु आज सत्ता के नशे चूर भाजपा नेता और नरेंद्र मोदी सरकार किसानों को आतंकवादी, देश विरोधी तक के आरोप लगा रही है। जिस का नतीजा देश के किसानों और आम लोगों की ओर से 2022 की विधान सभा चुनाव और 2024 की लोक सभा चुनाव में भाजपा भुगतना पड़ेगा।

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