Edited By Taranjeet Singh,Updated: 21 Sep, 2020 12:34 AM
राज्य के किसानों के हितों की रक्षा के लिए अपने आखिरी दम तक लडऩे का संकल्प दोहराते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिरोमणि अकाली दल सहित उसके सहयोगियों को केंद्र सरकार के नए...
चंडीगढ़, (अश्वनी): राज्य के किसानों के हितों की रक्षा के लिए अपने आखिरी दम तक लडऩे का संकल्प दोहराते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिरोमणि अकाली दल सहित उसके सहयोगियों को केंद्र सरकार के नए असंवैधानिक, अलोकतंात्रिक और किसान विरोधी कानूनों को लेकर अदालत में घसीटेगी।
भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा आज राज्यसभा में बिल पेश किए जाने पर गहरा दुख प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि हम इन काले कानूनों के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे और जैसे ही राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के उपरांत यह कानून बनते हैं, हम अदालतों का दरवाजा खटखटाएंगे। मुख्यमंत्री ने पूछा कि इस गंभीर मुद्दे संबंधी सदन द्वारा वोटों के विभाजन का रास्ता क्यों नहीं अपनाया गया। क्योंकि इस मुद्दे बारे राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठजोड़ में भी एकसुरता नहीं है।
कै. अमरेंद्र सिंह ने कहा कि उनकी सरकार केंद्र सरकार को ऐसे कानूनों के द्वारा किसानों के हक और हितों को पैरों के नीचे कुचलने की आज्ञा नहीं देगी। खासकर पंजाब संबंधी जो कि एक कृषि प्रधान राज्य है। उन्होंने ऐलान किया कि हम किसानों के साथ खड़े हैं और उनके हितों की रक्षा के लिए जो भी बन पड़ेगा, वही करेंगे।
उन्होंने भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर किसानों के हितों को बड़े कॉर्पोरेट घरानों के आगे बेच देने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा और उसके सहयोगी खास तौर पर इस बात की कोई परवाह नहीं करते कि इन कानूनों से किसानों का कितना नुक्सान होगा।
मुख्यमंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा कि भाजपा द्वारा महत्वपूर्ण बताया गया यह पल किसानी के लिए मौत सिद्ध होगा, जिससे देश की अनाज सुरक्षा को भी गंभीर खतरा पेश होगा। उन्होंने यह भी कहा कि इन बिलों को महत्वपूर्ण और संबंधित पक्षों के साथ बिना चर्चा किए और पंजाब सरकार, जो कि देश के कृषि क्षेत्र के विकास में बड़ा योगदान देती है, को बिना विश्वास में लिए जल्दबाजी में केंद्र सरकार द्वारा पास करवाया जाना जाहिर करता है कि उसे किसानों या कृषि क्षेत्र की कोई परवाह नहीं है।
उन्होंने सवाल किया कि यदि जी.एस.टी. संबंधी परिभाषित प्रावधानों का भी केंद्र सरकार पालन नहीं करती तो फिर एम.एस.पी. के बारे में उसके द्वारा दिए गए जुबानी भरोसों पर कैसे यकीन किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने पूछा कि यदि यह बिल किसानों के हित में हैं तो फिर किसान सड़कों पर प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं? यह बिल उनके हितों को नुक्सान पहुंचाते न लगते होते तो वह महामारी के बावजूद दिल्ली की ओर न बढ़ते।
कै. अमरेंद्र सिंह ने विपक्षी दलों पर 2019 के लोकसभा चुनाव के कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र को लेकर भ्रामक प्रचार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र में साफ तौर पर यह वायदा किया गया था कि एम.एस.पी. प्रणाली को कायम रखा जाएगा, जिस पर अमल करने से भाजपा सरकार भाग रही है।