ऑफ द रिकॉर्डः अरविंद शर्मा ने करनाल सीट पर ठोंका दावा

Edited By Seema Sharma,Updated: 21 Feb, 2019 08:20 AM

arvind sharma claims on karnal seat

करनाल लोकसभा सीट की लड़ाई को लेकर भाजपा में कशमकश तेज हो गई है क्योंकि अरविंद शर्मा ने सोनीपत लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है। जबसे महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने भाजपा उच्च कमान से करनाल लोकसभा सीट

नेशनल डेस्कः करनाल लोकसभा सीट की लड़ाई को लेकर भाजपा में कशमकश तेज हो गई है क्योंकि अरविंद शर्मा ने सोनीपत लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है। जबसे महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने भाजपा उच्च कमान से करनाल लोकसभा सीट के लिए उनकी उम्मीदवारी पर विचार करने का अनुरोध किया है तब से भाजपा इस मुद्दे को लेकर दुविधा में है। अब यह चर्चा है कि मेनका गांधी अपने पुत्र वरुण गांधी को सुल्तानपुर के लोगों के ‘कहर’ से बचाने के लिए खुद करनाल सीट से चुनाव लडऩे की इच्छुक हैं। वरुण को सुल्तानपुर से विपक्ष का कड़ा सामना करना पड़ रहा है और वह पीलीभीत से चुनाव लडऩा चाहते हैं क्योंकि वह उसे सुरक्षित महसूस करते हैं। इसके बदले में मेनका ने करनाल सीट मांगी है और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को बताया कि उनकी उम्मीदवारी से भाजपा को मजबूती मिलेगी।

मेनका ने कहा कि वह एक सिख परिवार से हैं और 17 लाख मतदाता उनका साथ देंगे अन्यथा ये वोट इनैलो को बादलों के साथ उनके संबंध होने के कारण मिल जाएंगे। दूसरा कारण यह है कि वह एक पंजाबी हैं इसलिए करनाल के पंजाबी मतदाता भी उनको स्वीकार करेंगे। चर्चा है कि खट्टर भी मेनका को टिकट देने के इच्छुक हैं क्योंकि वह मौजूदा लोकसभा सांसद को पसंद नहीं करते और उन्होंने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को बताया कि मेनका गांधी हरियाणा के लिए एक बड़ी ‘उपलब्धि’ होंगी। भाजपा में शामिल होने का इंतजार कर रहे अरविन्द शर्मा भी करनाल से चुनाव लडऩा चाहते हैं। उन्होंने खट्टर को बताया कि वह सोनीपत से चुनाव नहीं लड़ेंगे। भाजपा नेतृत्व ने उनको सुझाव दिया था कि वह निकटवर्ती सोनीपत से चुनाव लड़ें क्योंकि इससे पहले भी वह इसका प्रतिनिधित्व कर चुके हैं मगर अरविन्द ने साफ तौर पर मना कर दिया। अब यह चर्चा है कि अरविन्द शर्मा इनैलो से अलग हुए जे.जे.पी. के साथ सम्पर्क में हैं जो राज्य में सशक्त होकर उभर रहा है।

उन्होंने जे.जे.पी. के नेता दिग्विजय सिंह को बताया है कि वह ब्राह्मण वोट प्राप्त कर लेंगे जबकि जाट वोट जे.जे.पी. के कारण उनको मिलेंगे। इससे भाजपा और कांग्रेस को पराजित किया जा सकता है। जब खट्टर को इस बात का पता चला तो उन्होंने अरविन्द शर्मा को बताया कि वह कोई ऐसा कदम न उठाएं और भाजपा के फैसले का इंतजार करें। भाजपा नेतृत्व कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार की घोषणा का इंतजार कर रहा है जहां से हरियाणा विधानसभा के पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा दावेदार हैं। कांग्रेस उच्च कमान हरियाणा नेतृत्व मामले को लेकर दुविधा में है। राहुल गांधी पार्टी नेता भूपिन्द्र सिंह हुड्डा को पसंद नहीं करते और उनके बिना कांग्रेस राज्य में ढेर हो जाएगी, जैसा जींद विधानसभा उपचुनाव में हुआ था लेकिन राहुल गांधी आखिर राहुल गांधी हैं और पार्टी में कोई भी उनके साथ तर्क नहीं कर सकता। अभी तक कांग्रेस इस बारे में कोई फैसला नहीं ले पाई और मेनका भी पार्टी के फैसले के इंतजार में हैं।

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