Edited By PTI News Agency,Updated: 04 Apr, 2020 04:23 PM
जयपुर, चार अप्रैल (भाषा) कोरोना महामारी के मद्देनजर लगाए गए लॉकडाउन से आर्थिक गतिविधियों पर लगे विराम से राजस्थान सरकार का राजस्व संग्रहण भी बुरी तरह प्रभावित होने का अनुमान है।
जयपुर, चार अप्रैल (भाषा) कोरोना महामारी के मद्देनजर लगाए गए लॉकडाउन से आर्थिक गतिविधियों पर लगे विराम से राजस्थान सरकार का राजस्व संग्रहण भी बुरी तरह प्रभावित होने का अनुमान है।
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए राज्य में 22 मार्च से लॉकडाउन है। अधिकारियों के अनुसार वित्त वर्ष के आखिरी महीने मार्च के आखिरी सप्ताह में ही वाणिज्यिक कर, आबकारी और अन्य करों का संग्रहण अधिकतम होता है लेकिन इस बार तो यह पूरा हफ्ता एक तरह से बंदी की भेंट चढ़ गया।
राज्य के मुख्य सचिव डी बी गुप्ता ने कहा, 'बंदी के कारण राजस्व संग्रहण में अच्छी खासी कमी रहने का अनुमान है। कोरोना वायरस के संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए बंदी भी जरूरी थी। एक अनुमान के अनुसार कोरोना वायरस से बने माहौल के कारण राजस्व संग्रहण में नुकसान मार्च अंत तक लगभग 3,500 करोड़ रुपये रह सकता है।'
उन्होंने कहा कि अभी आंकड़े जुटाए जा रहे हैं और इन्हें अगले सप्ताह तक अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए केंद्र से अनुदान और अन्य उपायों की मांग की है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस बारे में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने कोरोना वायरस संकट के मद्देनजर सभी राज्यों के लिए एक लाख करोड़ रुपये का पैकेज देने का आग्रह किया है। इसके तहत पैकेज में राजस्थान की हिस्सेदारी पांच प्रतिशत या लगभग 5,000 करोड़ रुपये होनी चाहिए।'
साथ ही, राज्य सरकार ने केंद्र से केंद्रीय करों में राज्य के अप्रैल माह के हिस्से को महीने के शुरू में आवंटित करने का अनुरोध किया है जो कि सामान्य तौर पर महीने के अंत में दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि राज्य ने मौजूदा स्थिति के मद्देनजर प्रदेश की उधार लेने की सीमा भी दो प्रतिशत बढ़ाने और लंबित जीएसटी मुआवजे को शीघ्र जारी करने का आग्रह किया गया है।
वित्तीय स्थिति का प्रबंधन करने के लिए राज्य सरकार ने पहले से ही मुख्यमंत्री स्तर से कर्मचारी स्तर तक मार्च माह के सकल वेतन को चार मुख्य वर्गों (70 प्रतिशत, 60 प्रतिशत, 50 प्रतिशत और 30 प्रतिशत) में स्थगित रखने का फैसला किया है। हालांकि चिकित्सा व स्वास्थ्य तथा स्वास्थ्य शिक्षा विभाग का पूरा स्टाफ, पुलिस कांस्टेबल व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी इस वेतन स्थगन के दायरे में नहीं आएंगे।
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