Edited By PTI News Agency,Updated: 19 Jun, 2020 09:41 PM
जयपुर, 19 जून (भाषा) कांग्रेस के के. सी. वेणगोपाल व नीरज डांगी तथा भाजपा के राजेंद्र गहलोत राज्यसभा में राजस्थान की ओर से नये सदस्य होंगे। इनमें वेणुगोपाल जहां संगठन महासचिव के रूप में कांग्रेस के कद्दावर नेता हैं, वहीं राजेंद्र गहलोत भाजपा...
जयपुर, 19 जून (भाषा) कांग्रेस के के. सी. वेणगोपाल व नीरज डांगी तथा भाजपा के राजेंद्र गहलोत राज्यसभा में राजस्थान की ओर से नये सदस्य होंगे। इनमें वेणुगोपाल जहां संगठन महासचिव के रूप में कांग्रेस के कद्दावर नेता हैं, वहीं राजेंद्र गहलोत भाजपा के जमीन से जुड़े कार्यकर्ता माने जाते हैं और राज्य में मंत्री रह चुके हैं।
प्रदेश में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए मतदान शुक्रवार को हुआ। इसमें कांग्रेस की ओर से जीत दर्ज करने वाले वेणुगोपाल केरल से हैं और कर्नाटक के पार्टी प्रभारी हैं। वहीं नीरज डांगी पार्टी के प्रदेश महासचिव हैं।
वेणुगोपाल पिछले विधानसभा चुनाव से ही राजस्थान में सक्रिय हैं। दिसंबर 2018 में राजस्थान में मुख्यमंत्री का नाम तय करने के लिए वह पर्यवेक्षक बनकर यहां आए थे। अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री के रूप में राजस्थान आने के बाद ही वेणुगोपाल को उनके स्थान पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का संगठन महासचिव बनाया गया था। वेणुगोपाल लंबे समय तक एनएसयूआई से जुड़े रहे। वह केरल के अलपुझ्झा से विधायक व सांसद रह चुके हैं। वह मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री रहे और गांधी परिवार के करीबी माने जाते हैं। इस समय वह कांग्रेस में संगठन महासचिव के रूप में महत्वपूर्ण पद पर हैं। जीतने के बाद उन्होंने कहा कि वह संसद के उच्च सदन में राजस्थान की आवाम के लिए काम करेंगे।
वहीं दलित समुदाय से आने वाले नीरज डांगी पिछला विधानसभा चुनाव रेवदर सीट से लड़े थे। वह पहले भी दो बार चुनाव लड़े लेकिन तीनों बार जीत नहीं मिली। वह युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। अभी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य व कांग्रेस के प्रदेश महासचिव हैं। उन्हें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का करीबी माना जाता है। जीतने के बाद डांगी ने कहा कि राजस्थान का विकास उनकी प्राथमिकता रहेगी।
भाजपा की ओर से राज्यसभा में जाने वाले वाले राजेंद्र गहलोत पार्टी के पुराने व वफादार सदस्यों में से एक हैं। वह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृहनगर जोधपुर से आते हैं और एक बार अशोक गहलोत के खिलाफ चुनाव भी लड़ चुके हैं।
इस समय वह भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं और पिछले साल अगस्त में उन्हें संगठन चुनाव प्रभारी का जिम्मा दिया गया था। एक समय पार्टी के नये प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में भी उनका नाम था। राजेंद्र गहलोत, भैरो सिंह शेखावत के कार्यकाल में मंत्री भी रहे। उन्होंने 2008 में सरदारपुरा सीट से अशोक गहलोत के खिलाफ चुनाव लड़ा और दूसरे स्थान पर रहे।
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