आयुर्वेद वैकल्पिक नहीं, स्थापित और कारगर चिकित्सा पद्धति है : शर्मा

Edited By PTI News Agency,Updated: 13 Nov, 2020 05:27 PM

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जयपुर, 13 नवंबर (भाषा)राजस्थान के आयुर्वेद मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि आयुर्वेद वैकल्पिक नहीं अपितु स्थापित व कारगर चिकित्सा पद्धति है। कोविड के दौर में भी आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से चिकित्सा के सुखद परिणाम मिल रहे हैं।

जयपुर, 13 नवंबर (भाषा)राजस्थान के आयुर्वेद मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि आयुर्वेद वैकल्पिक नहीं अपितु स्थापित व कारगर चिकित्सा पद्धति है। कोविड के दौर में भी आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से चिकित्सा के सुखद परिणाम मिल रहे हैं।

शर्मा शुक्रवार को धनवंतरि जयंती व पंचम आयुर्वेद दिवस के राज्य स्तरीय समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि आयुर्वेद की तीनों पद्धतियों ने कोरोनाकाल में संक्रमितों को राहत पहुंचाई है। सरकार के आयुर्वेद व भारतीय चिकित्सा विभाग ने इस दौर में 31 लाख से अधिक लोगों को काढ़ा उपलब्ध कराया, वहीं गिलोय चूर्ण व अन्य औषधियों का भी वितरण किया।

आयुर्वेद मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में आयुर्वेद चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए चिकित्सा पर्यटन और औषधीय पौधरोपण के सफल क्रियान्वयन को लेकर प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि राजस्थान को चिकित्सा पर्यटन का केंद्र बनाने के लिए 20 स्थानों को चिन्हित कर लिया गया है। यहां नेचुरोपैथी, पंचकर्म, योगा सहित कई पद्धतियों के उत्कृष्टता केंद्र (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस) स्थापित किए जाएंगे।

डॉ. शर्मा ने बताया कि विभाग के 3500 से अधिक औषधालयों व चिकित्सालयों में कार्मिकों ने कोरोना के दौर में सराहनीय कार्य किया है। विभाग के पांच हजार से अधिक चिकित्सकों व अन्य कर्मचारियों ने कोविड प्रबंधन के दौरान अन्य कोरोना योद्धाओं के साथ बेहतरीन कार्य किया है।

उन्होंने कहा कि सरकार निकट भविष्य में मेडिकल व आर्गेनिक फॉर्मिंग पर भी विशेष ध्यान दे रही है। अन्य जिंसों की तरह औषधीय पादपों का भी न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया जाएगा। जिससे कि इनकी खेती को भी बढ़ावा मिल सके।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में आयुर्वेदिक सेवाओं के विस्तार के लिए राज्य सरकार नई नियुक्तियों और संस्थाओं को विकसित करने के लिए कार्य रही है। हाल ही में जोधपुर में आयुर्वेद विश्वविद्यालय की शुरुआत और अजमेर व जोधपुर में दो होम्यापैथी कॉलेजों की घोषणा इस दिशा में उठाए गए कदम हैं।

डॉ. शर्मा ने कहा कि आयुर्वेद के आधारभूत ढांचे को लगातार मजबूत किया जा रहा है। प्रतापनगर स्थित आयुष केन्द्र में साढ़े चार करोड़ रुपये की लागत से 50 बिस्तरों का अस्पताल बनाया गया है। यहीं आने वाले दिनों में एक हजार आयुष चिकित्सक और कम्पाउंडरों की भी भर्ती की जाएगी।

आयुर्वेद मंत्री ने कहा कि विशेषज्ञों के अनुसार कोविड से ठीक होने के बाद भी कई घातक बीमारियां मरीज को घेर रही हैं। ऐसे में पोस्ट कोविड मैनेजमेंट में आयुर्वेद महती भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कार्ययोजना तैयार कर रही है।

इंडियन मेडिसिन बोर्ड के चेयरमैन प्रोफेसर महेश चंद्र शर्मा ने आयुर्वेद को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि राजस्थान में चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देने में आयुर्वेद महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। भरतपुर, जयपुर, अजमेर, उदयपुर जैसे जिले आयुर्वेद चिकित्सा पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित होने की क्षमता रखते हैं।


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