प्रेरक कहानी: विद्वान बनने का आसान तरीका

Edited By ,Updated: 25 Sep, 2015 11:05 AM

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एक बार राजा टॉलमी ने गणित सीखने का फैसला किया। उन्हें पता चला कि यूक्लिड महान गणितज्ञ हैं। उन्होंने उनसे ही गणित की शिक्षा लेने की सोची। यूक्लिड से तुरंत संपर्क किया गया। वह रोज आकर राजा को गणित के सूत्र सिखाने लगे लेकिन

एक बार राजा टॉलमी ने गणित सीखने का फैसला किया। उन्हें पता चला कि यूक्लिड महान गणितज्ञ हैं। उन्होंने उनसे ही गणित की शिक्षा लेने की सोची। यूक्लिड से तुरंत संपर्क किया गया। वह रोज आकर राजा को गणित के सूत्र सिखाने लगे लेकिन टॉलमी को गणित सीखने में आनंद ही नहीं आता था। 
 
उनका ध्यान हरदम इधर-उधर भटकता रहता था। उन्होंने सोचा कि लोग तो कहते हैं कि यूक्लिड महान गणितज्ञ हैं और उनके जैसे विद्वान कम ही होते हैं, फिर वह मुझे सरलता से गणित क्यों नहीं सिखा पा रहे? मैं उनसे यह प्रश्न अवश्य पूछूंगा।
 
अगले दिन यूक्लिड राजा को गणित के कुछ सूत्र समझा रहे थे तो राजा खीझकर बोले, ‘‘आप तो बहुत बड़े विद्वान कहे जाते हैं। 
 
मुझे ऐसे सरल सूत्र सिखाइए न जो आसानी से समझ में आ जाएं। अभी तक मुझे तो गणित का एक सूत्र भी सही ढंग से समझ में नहीं आया है। ऐसे में मैं भला गणित का विद्वान कैसे बन सकता हूं?’’ 
 
राजा की बात सुनकर यूक्लिड मुस्कुराते हुए बोले, ‘‘राजन, मैं तो आपको सहज और सरल सूत्र ही सिखा रहा हूं। 
 
कठिनाई मेरे सिखाने में नहीं बल्कि आपके सीखने में है। आपने गणित सीखने का फैसला तो कर लिया पर उसके लिए अपने मन को तैयार नहीं कर पाए। गणित हो या फिर राजकाज, किसी भी विषय में यदि आप रुचि नहीं लेंगे और एकाग्रता से काम नहीं करेंगे तो वह कठिन ही लगेगा। जिस सहजता से आप राजकाज संभालते हैं उसी सहजता से आप गणित सीखें तो अवश्य सफल होंगे।’’ 
 

यूक्लिड की बातें राजा टॉलमी को समझ में आ गईं। उन्होंने एकाग्र होकर गणित सीखना आरंभ कर दिया। 

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