Edited By ,Updated: 07 Jul, 2016 04:10 PM
एक बार एक आदमी ने देखा कि एक गरीब फटेहाल बच्चा बड़ी उत्सुकता से उसकी महंगी ऑडी कार को निहार रहा था। गरीब बच्चे पर तरस खा कर अमीर आदमी उसे अपनी कार में बैठा कर घुमाने ले गया।
एक बार एक आदमी ने देखा कि एक गरीब फटेहाल बच्चा बड़ी उत्सुकता से उसकी महंगी ऑडी कार को निहार रहा था। गरीब बच्चे पर तरस खा कर अमीर आदमी उसे अपनी कार में बैठा कर घुमाने ले गया।
लड़के ने कहा, ‘‘साहब आपकी कार बहुत अच्छी है, यह तो बहुत कीमती होगी न...।’’
अमीर आदमी ने गर्व से कहा, ‘‘हां, यह लाखों रुपए की है।’’
गरीब लड़का बोला, ‘‘इसे खरीदने के लिए तो आपने बहुत मेहनत की होगी?’’
अमीर आदमी हंस कर बोला, ‘‘यह कार मुझे मेरे भाई ने उपहार में दी है।’’
गरीब लड़के ने कुछ सोचते हुए कहा, ‘‘वाह! आपके भाई कितने अच्छे हैं।’’
अमीर आदमी ने कहा, ‘‘मुझे पता है कि तुम सोच रहे होंगे कि काश तुम्हारा भी कोई ऐसा भाई होता जो इतनी कीमती कार तुम्हें गिफ्ट देता।’’
गरीब लड़के की आंखों में अनोखी चमक थी, उसने कहा, ‘‘नहीं साहब, मैं तो आपके भाई की तरह बनना चाहता हूं...।’’
सार : अपनी सोच हमेशा ऊंची रखो, दूसरों की अपेक्षाओं से कहीं अधिक ऊंची, तो तुम्हें बड़ा बनने से कोई रोक नहीं सकता।