कृष्णावतार

Edited By ,Updated: 18 Jul, 2016 03:11 PM

krishna

एक दिन लोमश मुनि ने कहा, ‘‘अब हम लोग यहां से आगे नहीं जा सकते। मार्ग बड़ा दुर्गम है इसलिए जिधर से तुम लोग आए हो उसी मार्ग से बद्रीनाथ धाम

एक दिन लोमश मुनि ने कहा, ‘‘अब हम लोग यहां से आगे नहीं जा सकते। मार्ग बड़ा दुर्गम है इसलिए जिधर से तुम लोग आए हो उसी मार्ग से बद्रीनाथ धाम पहुंचना होगा। वहां से आगे जाने पर हमें यक्षराज कुबेर के मंदिर के दर्शन होंगे।’’ 
 
देवर्षि लोमश की बातें सुनकर धर्मराज युधिष्ठिर के साथी वहां से लौट कर बद्रिकाश्रम में पहुंच गए। वहां लोमश मुनि तथा आचार्य धौम्य ने उन सबसे विधिपूर्वक पूजा-पाठ करवाया और कुछ दिन वे सब वहीं रहे। 
 
एक दिन एक व्यक्ति ब्राह्मण के वेश में उनके सामने आया और धर्मराज युधिष्ठिर से कहने लगा, ‘‘महाराज, मैं सर्वज्ञ ब्राह्मण हूं और चारों वेदों का सारा ज्ञान है मुझे। महाराज, आप मुझे भी अपने साथ रहने की अनुमति देने की कृपा करें।’’
 
उसकी बात सुनकर युधिष्ठिर महाराज ने उसे यात्रा पर साथ रहने की आज्ञा दे दी लेकिन वह रातों को उठ कर पांडव पुत्रों के अस्त्र-शस्त्रों को टटोला करता था।
 
एक दिन जब भीम वन में गए हुए थे और देवर्षि लोमश स्नान करने चले गए थे, तब वह छद्मवेशधारी व्यक्ति अपने वास्तविक रूप में उनके सामने प्रकट हो गया और उसने कहा, ‘‘मैं जटासुर हूं। तुम सब को पकड़ कर ले जाऊंगा और तुम्हारे अस्त्र-शस्त्र भी ले जाऊंगा।’’
 
इतना कहने के बाद उसने तीनों भाइयों तथा द्रौपदी को पकड़ लिया...घटोत्कच ने उसे रोका और अन्य राक्षस भी वहां आ गए। उसने घटोत्कच और उसके साथी राक्षसों को लातों और सिर से टक्करें मारनी शुरू कर दीं और घटोत्कच से कहा, ‘‘तू राक्षस होकर अपने ही बंधु-बांधवों का सामना करता है। ठहर मैं तुझे अभी यमलोक पहुंचाता हूं।’’
 
घटोत्कच बोला, ‘‘पापी, तू मेरे पिता महाराज भीमसेन को नहीं जानता। वह इन तीनों के भाई हैं और यह देवी मेरी माता हैं। यह मुझे सगी मां से भी अधिक दुलार करती हैं।’’ 

(क्रमश:) 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!