निर्जला एकादशी व्रत कथा

Edited By ,Updated: 14 Jun, 2016 03:51 PM

nirjala ekadashi

एक बार पाण्डु पुत्र भीमसेन ने श्रील वेदव्यासजी से पूछा," हे परमपूजनीय विद्वान पितामह! मेरे परिवार के सभी लोग एकादशी व्रत करते हैं व मुझे भी करने के लिए कहते हैं।

एक बार पाण्डु पुत्र भीमसेन ने श्रील वेदव्यासजी से पूछा," हे परमपूजनीय विद्वान पितामह! मेरे परिवार के सभी लोग एकादशी व्रत करते हैं व मुझे भी करने के लिए कहते हैं। किन्तु मुझसे भूखा नहीं रहा जाता। आप कृपा करके मुझे बताएं कि उपवास किए बिना एकादशी का फल कैसे मिल सकता है?"

 

श्रीलवेदव्यासजी बोले,"पुत्र भीम! यदि आपको स्वर्ग बड़ा प्रिय लगता है, वहां जाने की इच्छा है और नरक से डर लगता है तो हर महीने की दोनों एकादशी को व्रत करना ही होगा।"

 

भीम सेन ने जब ये कहा कि यह उनसे नहीं हो पाएगा तो श्रीलवेदव्यास जी बोले,"ज्येष्ठ महीने के शुल्क पक्ष की एकादशी को व्रत करना। उसे निर्जला कहते हैं। उस दिन अन्न तो क्या, पानी भी नहीं पीना। एकादशी के अगले दिन प्रातः काल स्नान करके, स्वर्ण व जल दान करना। वह करके पारण के समय (व्रत खोलने का समय) ब्राह्मणों व परिवार के साथ अन्नादि ग्रहण करके अपने व्रत को विश्राम देना। जो एकादशी तिथि के सूर्योदय से द्वादशी तिथि के सूर्योदय तक बिना पानी पीये रहता है तथा पूरी विधि से निर्जला व्रत का पालन करता है, उसे साल में जितनी एकादशियां आती हैंं उन सब एकादशियों का फल इस एक एकादशी का व्रत करने से सहज ही मिल जाता है।"

 

यह सुनकर भीम सेन उस दिन से इस निर्जला एकादशी के व्रत का पालन करने लगे।

 

वैसे तो शास्त्राज्ञा है कि किसी सदाचारी आचरणवान ब्राह्मण व अपने प्रामाणिक गुरु-आज्ञा से ही एकादशी व्रत वाले दिन कुछ भी खाया जा सकता है अन्यथा सभी एकादशियों का पालन हर मनुष्य का कर्तव्य है। केवल 8 वर्ष से छोटी आयु अथवा 80 वर्ष से वृद्ध को इससे छूट है।

 

उपरोक्त प्रसंग में जो भी नियम हैं, वो केवल भीमसेन के लिये हैं क्योंकि उन्हें जगद्-गुरु श्रीलवेदव्यासजी की आज्ञा मिली थी अर्थात बिना प्रामाणिक गुरु आज्ञा के किसी भी एकादशी के व्रत को त्यागना नहीं चाहिए।

श्रीचैतन्य गौड़िया मठ की ओर से

श्री भक्ति विचार विष्णु जी महाराज

bhakti.vichar.vishnu@gmail.com

 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!