Edited By PTI News Agency,Updated: 25 Feb, 2020 03:36 PM
नयी दिल्ली, 25 फरवरी (भाषा) निजी चीनी मिलों के संगठन इसमा ने मंगलवार को विपणन वर्ष 2019-20 के लिये चीनी उत्पादन के अपने पिछले अनुमान को संशोधित करते हुए इसे 2 प्रतिशत बढ़कर 2.65 करोड़ टन कर दिया है।
नयी दिल्ली, 25 फरवरी (भाषा) निजी चीनी मिलों के संगठन इसमा ने मंगलवार को विपणन वर्ष 2019-20 के लिये चीनी उत्पादन के अपने पिछले अनुमान को संशोधित करते हुए इसे 2 प्रतिशत बढ़कर 2.65 करोड़ टन कर दिया है।
यह अनुमानित उत्पादन पिछले साल के वास्तविक उत्पादन से कम है लेकिन स्थानीय मांग को पूरा करने के लिये पर्याप्त है।
इससे पहले, खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने 24 फरवरी को कहा था कि इस बार कुल चीनी उत्पादन करीब 2.7 करोड़ टन रह सकता है।
चीनी मिलों के संगठन इंडियन शुगर मिल एसोसिएशन (इसमा) ने पिछले साल नवंबर में 2019-20 (अक्टूबर-सितंबर) में चीनी उत्पादन 2.6 करोड़ टन रहने का अनुमान लगाया था। पिछले साल के मुकाबले उत्पादन में कमी का मुख्य कारण उत्पादक राज्यों में गन्ना उत्पादन में कमी है। 2018-19 में उत्पादन 3.32 करोड़ टन था।
चीनी मिलों ने 15 फरवरी तक करीब 1.7 करोड़ करोड़ चीनी तैयार की थी।
ताजा आंकड़े जारी करते हुए इसमा ने कहा, ‘‘चीनी विपणन वर्ष 2019-20 के दौरान चीनी उत्पादन नवंबर 2019 के अनुमान के मुकाबले थोड़ा अधिक रहेगा। इसके अनुसार इसमा ने चीनी उत्पादन अनुमान को 2.6 करोड़ टन से संशोधित कर 2.65 करोड़ टन कर दिया गया है।
संगठन ने बयान में कहा है कि पहले से अधिक मात्रा में बी-हेवी मलैसज (शीरा) और गन्ना रस को एथेनॉल के उत्पादन में इस्तेमाल किए जाने से भी चीनी का उत्पादन पिछले साल से कम रहने का अनुमान है। दूसरे अनुमान के अनुसार देश के सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में उत्पादन 1.18 करोड़ टन रहने का अनुमान है जो 2018-19 के बराबर रहेगा ।
हालांकि महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन 2019-20 में करीब 40 प्रतिशत घटकर 62 लाख टन रह सकता है जो पिछले साल 1.072 करोड़ टन था।
इसी प्रकार, कर्नाटक में चीनी उत्पादन आलोच्य विपणन वर्ष में 33 लाख टन रह सकता है जो 2018-19 में 44.3 लाख टन था। मुख्य रूप से गन्ने का रकबा कम होने से चीनी उत्पादन प्रभावित हुआ है।
इसमा के अनुसार चालू वर्ष के अंत में चीनी भंडार एक करोड़ टन रहने का अनुमान है।
अगर सरकार अगले साल भी 40 लाख टन के बफर स्टॉक को बनाये रखती है, बाजार में बिक्री के लिये शुद्ध रूप से चीनी करीब 60 लाख टन उपलब्ध होगी जो उपयुक्त है।
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