Edited By PTI News Agency,Updated: 24 Mar, 2020 07:12 PM
नयी दिल्ली, 24 मार्च (भाषा) सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के कारण बाजार बंद कराए जाने से कर्ज लौटाने में कठिनायी से जूझ रही छोटी कंपनियों को राहत देने के लिये मंगलवार को कदम उठाया। इसके तहत लघु कंपनियों के लिये कर्ज लौटाने में चूक की स्थिति...
नयी दिल्ली, 24 मार्च (भाषा) सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के कारण बाजार बंद कराए जाने से कर्ज लौटाने में कठिनायी से जूझ रही छोटी कंपनियों को राहत देने के लिये मंगलवार को कदम उठाया। इसके तहत लघु कंपनियों के लिये कर्ज लौटाने में चूक की स्थिति में ऋण शोधन कार्यवाही को लेकर सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये कर दिया गया है।
इसका मतलब है कि इस क्षेत्र की इकाइयों पर एक करोड रुपये से अधिक के बकाए होने पर ही दिवाला की कार्रवाई शुरू की जाएगी। पहले यह एक लाख रुपये के ऊपर ही शुरू की जा सकती थी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि इस सीमा के बढ़ने से लघु एवं मझोली कंपनियों को लाभ होगा।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा अगर मौजूदा स्थिति अप्रैल के बाद भी बनी रही तो दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) की धारा 7,9,10 को छह महीने के लिये निलंबित करने पर भी विचार करेगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि इससे कंपनियों को कर्ज में चूक की स्थिति में ऋण शोधन प्रक्रिया में जाने से राहत मिलेगी।
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