Edited By PTI News Agency,Updated: 28 Mar, 2020 03:49 PM
नयी दिल्ली, 28 मार्च (भाषा) परिधान निर्यात संवर्द्धन परिषद (एईपीसी) ने रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दरों में कटौती का स्वागत करते हुए कहा है कि इस श्रम आधारित क्षेत्र के लिए और राहत की जरूरत है।
नयी दिल्ली, 28 मार्च (भाषा) परिधान निर्यात संवर्द्धन परिषद (एईपीसी) ने रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दरों में कटौती का स्वागत करते हुए कहा है कि इस श्रम आधारित क्षेत्र के लिए और राहत की जरूरत है।
एईपीसी के चेयरमैन ए. शक्तिवेल ने शनिवार को बयान में कहा कि रेपो दर को घटाकर 4.4 प्रतिशत करने के केंद्रीय बैंक से फैसले से खुदरा और कॉरपोरेट क्षेत्र को सस्ता कर्ज उपलब्ध हो सकेगा। इससे उपभोग बढ़ेगा और निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा।
उन्होंने कहा कि रिवर्स रेपो दर में 0.9 प्रतिशत की कटौती से बैंक रिजर्व बैंक के पास अपना पैसा रखने के बजाय उत्पादक क्षेत्रों को कर्ज देने को प्रोत्साहित होंगे। इसके अलावा नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में एक प्रतिशत की कटौती से अर्थव्यवस्था को पर्याप्त नकदी सुनिश्चित हो सकेगी।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा तीन माह तक ईएमआई का भुगतान नहीं करने की सुविधा से कंपनियों के साथ-साथ आम लोगों को राहत मिलेगी।
हालांकि, शक्तिवेल ने कहा कि परिधान निर्यात उद्योग और इसमें कार्यरत 1.29 करोड़ श्रमिकों को राहत के लिए और कुछ करने की जरूरत है।
उन्होंने ईएमआई भुगतान से छूट की अवधि बढ़ाकर छह माह करने और अग्रिम फॉरेक्स बुकिंग पर कोई जुर्माना नहीं लगाने का सुझाव दिया।
शक्तिवेल ने कहा कि सरकार को बैंकों को सलाह देनी चाहिए कि वे एक साल तक किसी भी कंपनी के खाते को गैर निष्पादित आस्ति (एनपीए) घोषित न करें।
परिषद ने ब्याज सहायता योजना को 31 मार्च से आगे बढ़ाने का भी सुझाव दिया है। परिषद ने कहा है कि परिधान या वस्त्र क्षेत्र के श्रमिकों को भी भविष्य निधि, ईएसआई और अन्य संबंधित लाभ दिए जाने चाहिए।
शक्तिवेल ने सरकार से आग्रह किया है कि वह श्रमिकों को छह सप्ताह का वेतन-मजदूरी देकर राहत प्रदान करे।
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