Edited By PTI News Agency,Updated: 28 Mar, 2020 07:01 PM
नयी दिल्ली, 28 मार्च (भाषा) सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के संगठन नास्कॉम ने सरकार से स्टार्टअप और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले (एमएसएमई) क्षेत्रों को राहत के लिए कर भुगतान और रिटर्न जमा कराने की समयसीमा टालने को कहा है।
नयी दिल्ली, 28 मार्च (भाषा) सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के संगठन नास्कॉम ने सरकार से स्टार्टअप और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले (एमएसएमई) क्षेत्रों को राहत के लिए कर भुगतान और रिटर्न जमा कराने की समयसीमा टालने को कहा है।
नास्कॉम ने सुझाव दिया है कि इन क्षेत्रों को राहत के लिए इन समयसीमाओं को लॉकडाउन (बंद) खुलने के कम से कम चार सप्ताह तक टाला जाए। कोविड-19 के मद्देनजर सरकार ने 26 मार्च से 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की है।
नास्कॉम ने शनिवार को बयान में कहा कि कोविड-19 की वजह से स्टार्टअप्स पर काफी दबाव बढ़ा है। उनको चालू रखने का संकट है। स्टार्टअप कंपनियां राहत और समर्थन के लिए सरकार की ओर देख रही हैं।
नास्कॉम ने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों की वजह से स्टार्टअप्स को समय का नुकसान हुआ है। साथ ही उनकी परियोजनाओं में देरी हो रही है जिससे उनपर वित्तीय दबाव बढ़ा है।
उद्योग संगठन ने कहा कि सरकारी एजेंसियों के नियमन-स्वामित्व या प्रबंधन वाले स्थानों पर कार्यरत स्टार्टअप्स को किराये पर सब्सिडी दी जानी चाहिए।
नास्कॉम ने कर भुगतान और रिटर्न जमा कराने की समयसीमाओं को पूरी तरह स्थगित करने की मांग की है। संगठन ने कहा है कि बंदी खुलने के कम से कम चार सप्ताह तक सभी समय सीमाओं को टाला जाना चाहिए।
नास्कॉम ने सुझाव दिया है कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान भविष्य निधि और ग्रैच्यूटी जमा के भुगतान को भी टाला जाना चाहिए। नास्कॉम ने कहा कि स्टार्टअप्स ऐसे माहौल में अपने कर्मचारियों को वेतन बढ़ोतरी नहीं दे पाएंगे ऐसे में अगले वित्तवर्ष 2020-21 में कर्मचारियों को एक बार के लिए पीएफ से निकलने का विकल्प दिया जाना चाहिए।
नास्कॉम ने कहा कि ऐसी स्थिति में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के पीएफ में योगदान को सीधे कर्मचारी को स्थानांतरित किया जा सकता है। इससे कर्मचारियों की जेब में अधिक वेतन जाएगा। इससे कम वेतन पाने वाले कर्मचारियों को फायदा होगा।
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