Edited By PTI News Agency,Updated: 29 Mar, 2020 07:14 PM
नयी दिल्ली, 29 मार्च (भाषा) कोरोना वायरस से जुड़ी पाबंदियों के बीच श्रम मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) योजना के छह करोड़ से अधिक अंशधारकों को अपने खाते से आंशिक रूप से पैसा निकालने की अनुमति दे दी है।
नयी दिल्ली, 29 मार्च (भाषा) कोरोना वायरस से जुड़ी पाबंदियों के बीच श्रम मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) योजना के छह करोड़ से अधिक अंशधारकों को अपने खाते से आंशिक रूप से पैसा निकालने की अनुमति दे दी है।
कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये 21 दिन के ‘लॉकडाउन’ के कारण कामकाज ठप होने से लोगों को होने वाली परेशानियों से राहत देने के लिये यह कदम उठाया गया है।
इसके अलावा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने ग्राहक को जानो (केवाईसी) का अनुपालन करने वाले अपने सभी अंशधारकों के लिये शनिवार की सुबह से पूरी तरह से ऑनलाइन दावा निपटान सुविधा शुरू की है।
श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि योजना 1952 में संशोधन को लेकर 28 मार्च 2020 को अधिसूचना जारी की है। मंत्रालय के अनुसार अधिसूचना में तीन महीने के मूल वेतन और महंगाई भत्ता या ईपीएफ खाते में पड़ी 75 प्रतिशत राशि जो भी कम हो, उसे निकालने की अनुमति दी गयी है। इस राशि को लौटाने की जरूरत नहीं होगी।
कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया गया है और इसीलिए ईपीएफ योजना के दायरे में आने वाले देश भर में कारखानों और विभिन्न प्रतिष्ठानों में काम करने वाले कर्मचारी इस राशि को निकालने के लिये पात्र हैं।
इसके लिये ईपीएफ योजना, 1952 के पैरा 68 एल के उप-पैरा (3) को जोड़ा गया है।
संशोधित कर्मचारी भविष्य निधि कोष (संशोधन) योजना, 2020, 28 मार्च से अमल में आया है।
अधिसूचना के बाद कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने अपने क्षेत्रीय कार्यालयों को निर्देश जारी कर इस संदर्भ में सदस्यों से प्राप्त आवेदनों पर तत्काल कदम उठाने को कहा है ताकि संकट की घड़ी में उनकी मदद हो सके।
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘...कोरोना वायरस संकट के लिये ऑनलाइन दावा फार्म भरने की सुविधा शनिवार को चालू कर दी गयी। ईपीएफओ की सूचना प्रौद्योगिकी इकाई ने हमारे केंद्रीकृत सर्वर के जरिये दावों के खुद से निपटान की प्रणाली तैयार की है। यह सुविधा उन सदस्यों के लिये है जिन्होंने के केवाईसी नियमों का अनुपालन कर रखा है।’’
उसने कहा कि इस व्यवस्था में दावों का निपटान तीन दिनों के भीतर होगा। इसमें किसी प्रकार का मानवीय हस्तक्षेप नहीं होगा और ईपीएफ दावों का निपटान पूरी तरीके से ऑनलाइन होगा।
उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1.70 लाख करोड़ रुपय के राहत पैकेज की घोषणा करते हुए ईपीएफ से निकासी की सुविधा देने की बात कही थी।
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