Edited By PTI News Agency,Updated: 30 Mar, 2020 06:57 PM
नयी दिल्ली, 30 मार्च (भाषा) अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम सोमवार को 17 साल के निचले स्तर तक पहुंच गये। बहरहाल, भारत में पेट्रोल, डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ है। तेल कंपनियां दाम में आई गिरावट को सरकार की उत्पाद शुल्क वृद्धि...
नयी दिल्ली, 30 मार्च (भाषा) अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम सोमवार को 17 साल के निचले स्तर तक पहुंच गये। बहरहाल, भारत में पेट्रोल, डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ है। तेल कंपनियां दाम में आई गिरावट को सरकार की उत्पाद शुल्क वृद्धि के साथ समायोजित करने में लगी हैं।
विश्व बाजार में ब्रेंट क्रुड तेल का भाव गिर कर 23 डालर प्रति बैरल तक आ गया है। यह नवंबर 2002 के बाद का सबसे कम भाव है। वहीं अमेरिका का कच्चा तेल कुछ समय के लिये 20 डालर से भी नीचे चल रहा था।
दुनियाभर में कोरोना वायरस की वजह से आवाजाही पर सख्त पाबंदियों के चलते कच्चे तेल की मांग में भारी कमी आई है जबकि इसका भंडार काफी बढ़ गया है।
देश में फिलहाल पेट्रोल, डीजल के दाम पिछले 14 दिन से लगातार रुके हुये हैं। आखिरी बार 16 मार्च को दाम संशोधित किये गये थे और तब से तेल कंपनियां सरकार द्वारा दोनों ईंधनों में तीन रुपये प्रति लीटर की उत्पाद शुल्क वृद्धि को समायोजित करने में लगीं हैं।
दिल्ली में पेट्रोल का दाम 69.59 रुपये लीटर पर है जबकि मुंबई में यह 75.30 रुपये प्रति लीटर के भाव बिक रहा है। इसी प्रकार दिल्ली में डीजल का दाम 62.29 रुपये लीटर है जबकि मुंबई में यह 65.21 रुपये लीटर बिक रहा है।
सरकार की तरफ से पेट्रोल, डीजल के उत्पाद शुल्क में तीन रुपये लीटर की वृद्धि से इनके दाम बढ़ सकते थे लेकिन तेल कंपनियों ने वैश्विक बाजार में तेल के दामों में गिरावट का लाभ उठाते हुए इसका बोझ अपने ऊपर ही रखा तथा ईंधन के खुदरा मूल्यों को नहीं बढाया।
सरकार ने इसके अलावा पेट्रोल और डीजल पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क में आठ रुपये लीटर तक की अतिरिक्त वृद्धि करने की भी अनुमति ली है। आने वाले समय में सरकार इसमें यदि और वृद्धि करना चाहे तो कानून में उसके लिये पहले ही प्रावधान कर लिया गया है।
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