विदेश व्यापार नीति की समय सीमा मार्च 2021 तक की गई

Edited By PTI News Agency,Updated: 31 Mar, 2020 09:20 PM

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नयी दिल्ली, 31 मार्च (भाषा) कोरोना वायरस के प्रसार और देशव्यापी पाबंदियों के बीच सरकार ने मौजूदा विदेश व्यापार नीति (2015- 2020) की समय सीमा को एक साल बढ़ाकर मार्च 2021 तक कर दिया है।

नयी दिल्ली, 31 मार्च (भाषा) कोरोना वायरस के प्रसार और देशव्यापी पाबंदियों के बीच सरकार ने मौजूदा विदेश व्यापार नीति (2015- 2020) की समय सीमा को एक साल बढ़ाकर मार्च 2021 तक कर दिया है।
मौजूदा विदेश व्यापार नीति 31 मार्च 2020 को समाप्त हो रही है। बहरहाल, अब अगले एक साल तक यही नीति अमल में रहेगी।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा है, ‘‘मौजूदा विदेश व्यापार नीति 2015- 20 जो कि 31 मार्च तक वैद्य है उसे 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दिया गया है। कई अन्य बदलाव भी किये गये हैं, रियायतों और छूट की समयसीमा भी एक साल बढ़ाई जा रही है। इसी प्रकार डीएफआईए और आयात उद्देश्य के लिये ईपीसीजी अनुमति को भी आगे बढ़ाया गया है।’’
चालू वित्त वर्ष के दौरान अप्रैल से फरवरी के 11 महीनों में देश का निर्यात कारोबार एक साल पहले की इसी अवधि के मुकाबले 1.5 प्रतिशत घटकर 292.91 अरब डालर रह गया। इसी अवधि में आयात भी 7.30 प्रतिशत घटकर 436 अरब डालर रह गया। इस दौरान व्यापार घाटा 143.12 अरब डालर रहा।
पूंजीगत सामान निर्यात संवर्धन (ईपीसीजी) एक निर्यात प्रोतसाहन योजना है जिसके तहत निर्यातक को शून्य शुल्क पर कुछ पूंजीगत सामानों के आयात की अनुमति दी जाती है ताकि वह अपने निर्यात में उन्नत प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर सके। इसके साथ ही निर्यात सामान में लगने वाले कुछ सामानों का भी शुल्क मुक्त आयात करने की अग्रिम अनुमति दी जाती है। इस शुल्क मुक्त आयात अनुमति (डीएफआईए) योजना के तहत निर्यातकों को कुछ सामान का शुल्क मुक्त आयात करने की अनुमति दी जाती है।



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