कोरोना वायरस से निपटने के लिये भारत पूरी तरह से तैयार, प्रभाव काबू में होगा: नीति सदस्य

Edited By PTI News Agency,Updated: 01 Apr, 2020 05:56 PM

pti state story

नयी दिल्ली, एक अप्रैल (भाषा) नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने बुधवार को कहा कि भारत में कोरोना वायरस महामारी का असर काफी कम और काबू करने लायक होगा। उन्होंने कहा कि इसका कारण अन्य देशों के मुकाबले देश में ‘लॉकडाउन’ और यात्रा पाबंदी का निर्णय...

नयी दिल्ली, एक अप्रैल (भाषा) नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने बुधवार को कहा कि भारत में कोरोना वायरस महामारी का असर काफी कम और काबू करने लायक होगा। उन्होंने कहा कि इसका कारण अन्य देशों के मुकाबले देश में ‘लॉकडाउन’ और यात्रा पाबंदी का निर्णय बहुत पहले ही ले लिया गया।

महामारी से निपटने के लिये जा रहे प्रयासों के समन्वय के लिये गठित समिति के अध्यक्ष पॉल ने कहा कि देश इससे निपटने के पूरी तरह से तैयार है। हालांकि उन्होंने कहा कि इस समय यह बताना मुश्किल है कि स्थिति कबतक स्थिर होगी क्योंकि यह कई बातों पर निर्भर है। यह इस पर निर्भर करेगा कि हम जो भी कदम उठा रहे हैं, वे कितने प्रभावी होते हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार देश में कोरोना वायरस संक्रमित मामलों की संख्या बुधवार को 1,637 पहुंच गयी जबकि 38 लोगों की मौत हो चुकी है। कुल संक्रमित मामलों में से 132 लोग ठीक हो चुके हैं जबकि एक अन्य दूसरा देश चला गया है।

उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि स्थिति अगर बदतर होती है तो यह महामारी देश के किसी भी हिस्से की आबादी के लिये विनाशकारी हो सकती है।
पॉल ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा, ‘‘भारत ने अन्य देशों के मुकाबले कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिये काफी पहले कदम उठाया। चाहे वह यात्रा पाबंदी हो या फिर एक-दूसरे से दूरी बनाये रखना...और भारत ने ‘लॉकडाउन’ का बड़ा निर्णय किया जिसे अन्य देशों ने लेने में लंबा समय लगाया और वे सही समय से चूके। इसीलिए मुझे भरोसा है कि महामारी का असर बहुत कम और काबू करने लायक होगा।’’
कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये देश में 25 मार्च से 21 दिन का ‘लॉकडाउन’ है।
इस देशव्यापी बंद के कारण एक बड़ा अंतर आएगा क्योंकि इससे वायरस फैलने की जो एक श्रृंखला है, वह टूटेगी और इसे उल्लेखनीय रूप से काबू में किया जा सकेगा।

प्रवासी कामगारों के शहर छोड़कर अपने पैतृक गांव या शहर जाने से कोरोना वायरस संक्रमण के फैलने की आशंका के बारे में पूछे जाने पर पॉल ने कहा कि इस प्रकार की चीजों से ‘लॉकडाउन’ के कारण होने वाले लाभ में काई बड़ा अंतर नहीं आएगा।

देशव्यापी बंद के कारण हजारों प्रवासी कामगारों की आय पर असर पड़ा और वे अपने घरों को लौटने लगे। विभिन्न राज्य सरकारों ने इसे रोकने के लिये कदम उठाया और सुनिश्चित किया ऐसे लोगों की बुनियादी जरूरतें पूरी की जाए।

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लाख प्रवासी कामगार अगर एक स्थान से दूसरे स्थान जा रहे हैं, इसकी तुलना दैनिक आधार पर जो करोड़ों लोग आ-जा रहे थे, उससे नहीं की जा सकती...हमें मानवीय मसलों का हल करना है लेकिन इतनी कम संख्या में लोगों की आवाजाही से ‘लॉकडाउन’ के कारण होने वाले व्यापक लाभ में काई बड़ा अंतर नहीं आएगा।’’
पॉल ने उदाहरण देते हुए कहा कि रोजाना एक करोड़ से अधिक लोग ट्रेनों में और करीब 4-5 करोड़ लोग बसों में यात्रा करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘लॉकडाउन से पहले यह स्थिति थी लेकिन अब यह सब बंद है....।’’
पॉल ने कहा, ‘‘स्थिति अगर बदतर होती है तो यह महामारी देश के किसी भी हिस्से की आबादी के लिये विनाशकारी हो सकती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम हर स्थिति के लिये पूरी तरह से तैयार हैं...हम यह सुनिश्चत करेंगे कि इससे कम-से-कम मानवीय नुकसान हो और देश की अर्थव्यवस्था पर ज्यादा बोझ नहीं पड़े।’’
उनसे यह पूछा गया था कि क्या देश में सामुदायिक आधार पर संक्रमण की स्थिति उत्पन्न हुई है।
उल्लेखनीय है कि गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने पॉल की अध्यक्षता में 11 सदस्यीय अधिकारियों का अधिकार प्राप्त समूह का गठन किया है। इस समूह का काम कोरोना वायरस पर लगाम लगाने के लिये योजना बनाना और उसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करना है।
यह पूछे जाने पर कि स्थिति कबतक सामान्य होगी, पॉल ने कहा कि यह कई कारकों पर निर्भर करेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘यह इस बात पर निर्भर करेगा कि ‘लॉकडाउन’ कितना प्रभावी होता है। सामाजिक दूरी को लेकर जो उपाय किये जा रहे हैं, वे कितने प्रभावी है। और कितने बेहतर तरीके से हम अपने कुछ क्षेत्रों में फैले संक्रमण को रोकते हैं।’’
एक सवाल के जवाब में पॉल ने कहा कि सरकार डाक्टरों के लिये व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों (पीपीई) की उपलब्धता बढ़ाने पर काम कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘जल्दी ही इसके अपर्याप्त होने का कोई मुद्दा नहीं होगा। अभी भी हमारे पास जरूरत से ज्यादा पीपीई उपलब्ध है।’’
नीति आयोग के सदस्य ने कोरोना वायरा परीक्षण को लेकर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की सराहना की।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!