Edited By PTI News Agency,Updated: 08 Apr, 2020 06:34 PM
नयी दिल्ली, आठ अप्रैल (भाषा) बाजार नियामक सेबी ने ‘‘अच्छी तरह विनियमित’’ विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) श्रेणी के तहत पंजीकरण कराने के इच्छुक विदेशी फंडों के लिए नियमों को आसान बनाया है। सेबी ने एफपीआई नियमों में संशोधन करते हुए कहा कि जो...
नयी दिल्ली, आठ अप्रैल (भाषा) बाजार नियामक सेबी ने ‘‘अच्छी तरह विनियमित’’ विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) श्रेणी के तहत पंजीकरण कराने के इच्छुक विदेशी फंडों के लिए नियमों को आसान बनाया है। सेबी ने एफपीआई नियमों में संशोधन करते हुए कहा कि जो देश एफएटीएफ मानकों को पूरा नहीं करते हैं, वहां के फंड केंद्र सरकार की अनुमति के बाद लाइसेंस हासिल कर सकते हैं।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की अधिसूचना में कहा गया है कि अब श्रेणी-एक में एफएटीएफ सदस्य देशों या केंद्र सरकार से मंजूरी प्राप्त किसी देश की संस्थाएं शामिल होंगी।
सेबी ने कहा कि नए मानक मंगलवार से प्रभावी हैं।
इससे पहले जिन क्षेत्रों के फंड वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) के मानकों को पूरा करते हैं, उन्हें अच्छी तरह विनियमित श्रेणी या श्रेणी-एक के तहत लाइसेंस लेने की अनुमति दी जाती है। एफएटीएफ एक अंतर सरकारी संस्था है, जो धनशोधन, आतंकवादियों को वित्तीय प्रणाली के माध्यम से धन भेजेजाने की रोक के नियम तय करती है।
सेबी ने इससे पहले फरवरी में कहा था कि मॉरीशस के विदेशी निवेशक पहले की तरह एफपीआई पंजीकरण करा सकेंगे, हालांकि उन्हें अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार अधिक निगरानी से गुजरना होगा।
एफएटीएफ द्वारा मारीशस को ‘‘ग्रे सूची’’ में डालने के बाद यह फैसला किया गया था।
सरकार और सरकार से संबंधित निवेशक, जैसे केंद्रीय बैंक श्रेणी-एक एफपीआई के तहत आते हैं। इसके अलावा अच्छी तरह विनियमित संस्थाएं जैसे बीमा, बैंक, परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियां आदि भी श्रेणी एक एफपीआई के तहत आती हैं।
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