सीओएआई ने ट्राई से कहा, सभी प्रीपेड ग्राहकों को लाभ देना अनुचित सब्सिडी के समान होगा

Edited By PTI News Agency,Updated: 09 Apr, 2020 09:38 PM

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नयी दिल्ली, नौ अप्रैल (भाषा) दूरसंचार उद्योग के संगठन सेल्युलर आपरेटर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सीओएआई) ने सभी प्रीपेड मोबाइल फोन ग्राहकों को वैधता अवधि के विस्तार और टॉकटाइम क्रेडिट का लाभ देने की भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की मांग...

नयी दिल्ली, नौ अप्रैल (भाषा) दूरसंचार उद्योग के संगठन सेल्युलर आपरेटर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सीओएआई) ने सभी प्रीपेड मोबाइल फोन ग्राहकों को वैधता अवधि के विस्तार और टॉकटाइम क्रेडिट का लाभ देने की भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की मांग को ठुकरा दिया है।
सीओएआई ने बृहस्पतिवार को कहा कि कि आपरेटरों ने वित्तीय दबाव के बावजूद कम आय वर्ग के ग्राहकों को पर्याप्त यानी 600 करोड़ रुपये से अधिक की राहत उपलब्ध कराई है, लेकिन सभी प्रीपेड ग्राहकों को इस तरह का लाभ उपलब्ध कराने की उम्मीद करना उचित नहीं होगा।
सीओएआई के सदस्यों में भारती एयरटेल, रिलायंस जियो और वोडाफोन आइडिया जैसी बड़ी दूरसंचार कंपनियां शामिल हैं। ट्राई ने कुछ दिन पहले ही दूरसंचार आपरेटरों को चुनिंदा आधार पर वैधता अवधि बढ़ाने और टॉकटाइम क्रेडिट का लाभ देने के लिए लताड़ लगाई थी। इसके जवाब में सीओएआई की यह प्रतिक्रिया आई है।
नियामक ने इस बात पर जोर दिया थ कि मौजूदा लॉकडाउन के दौरान सभी प्रीपेड ग्राहकों को निर्बाध सेवाएं सुनिश्चित की जानी चाहिए।
सीओएआई ने कहा कि यदि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) और सरकार को लगता है कि सभी प्रीपेड फीचर फोन ग्राहकों को इस लाभ का विस्तार किया जाना चाहिए, तो यह अन्य आवश्यक सेवाओं की तरह दूरसंचार क्षेत्र को सब्सिडी उपलब्ध करा कर किया जा सकता है।
ट्राई को लिखे पत्र में सीओएआई ने कहा कि इसकी भरपाई यूएसओ कोष के जरिये की जा सकती है। सार्वभौमिक सेवा दायित्व (यूएसओ) कोष में 31 मार्च, 2020 तक 51,500 करोड़ रुपये की राशि बिना इस्तेमाल पड़ी थी।
सीओएआई ने कहा कि दूरसंचार आपरेटरों ने कम आय वर्ग के उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए पर्याप्त कदम उठाए हैं, जिन्हें इस संकट के समय वास्तव में मदद की जरूरत थी।
एसोसिएशन ने कहा कि यह उम्मीद करना कि यह लाभ ऐसे उपभोक्ताओं को भी उपलब्ध कराया जाए, जो रिचार्ज कराने में सक्षम हैं, उचित नहीं होगा।
सीओएआई ने कहा कि सक्षम उपभोक्ताओं को लाभ देना एक तरह से ‘अनुचित सब्सिडी’ होगी, जिससे उद्योग को भारी नुकसान होगा।
सीओएआई ने कहा कि आपरेटरों ने कम आय वर्ग के ग्राहकों को वैधता की अवधि बढ़ाने और ‘टॉकटाइम क्रेडिट’ की सुविधा दी है। मोटे अनुमान के अनुसार यह लाभ करीब 600 करोड़ रुपये बैठता है।


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