Edited By PTI News Agency,Updated: 10 May, 2020 12:23 PM
नयी दिल्ली, 10 मई (भाषा) देशभर के रेस्तरांओं और होटलों ने राज्य सरकारों से उन्हें शराब के स्टॉक को बेचने की अनुमति देने को कहा है। कोरोना वायरस की वजह लागू लॉकडाउन के चलते रेस्तरांओं और होटलों के पास करीब 3,000 करोड़ रुपये की शराब का स्टॉक...
नयी दिल्ली, 10 मई (भाषा) देशभर के रेस्तरांओं और होटलों ने राज्य सरकारों से उन्हें शराब के स्टॉक को बेचने की अनुमति देने को कहा है। कोरोना वायरस की वजह लागू लॉकडाउन के चलते रेस्तरांओं और होटलों के पास करीब 3,000 करोड़ रुपये की शराब का स्टॉक जमा हो गया है।
भारतीय राष्ट्रीय रेस्तरां संघ (एनआरएआई) के अध्यक्ष अनुराग कटरियार ने कहा, ‘‘इस समय हम काफी संकट से जूझ रहे हैं। एक तरफ हमारे पास महंगी शराब का स्टॉक जमा हो गया है वहीं दूसरी तरह हमारे सामने नकदी का संकट है।’’
हालांकि, अब उद्योग को रोशनी की कुछ किरण दिख रही है, क्योंकि कई राज्यों ने शराब बिक्री की अनुमति दे दी है।
कटरियार ने कहा, ‘‘हम सभी राज्य सरकारों से आग्रह करते हैं कि हमें शराब के स्टॉक की बिक्री की अनुमति दी जाए। ‘होम डिलिवरी’ मॉडल से हम यह शराब बेच सकते हैं।’’
उन्होंने कहा कि इससे हमें अपना स्टॉक निकालने में मदद मिलेगी। हम कुछ पैसा जुटा पाएंगे जिससे लोगों की जरूरतें पूरी हो सकेंगी। साथ ही इस मॉडल के जरिये हम सामाजिक दूरी के दिशानिर्देशों का भी अनुपालन कर सकेंगे।
कटरियार ने कहा कि हमें पता है कि इसके लिए कुछ कानूनों में बदलाव की जरूरत होगी। लेकिन मुझे विश्वास है कि मौजूदा असाधारण स्थिति को देखते हुए यह कदम उठाया जाएगा।
इसी तरह बीयर कैफे के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) राहुल सिंह ने कहा कि भारत में शराब तीन तरीकों..खुदरा, होरेका (होटल, रेस्तरां और कैटरिंग) तथा कैंटीन स्टोरों के जरिये बेची जाती हे। देशभर में होरेका लाइसेंस वाले स्थानों की संख्या 30,000 के करीब है।
सिंह ने कहा, ‘‘किसी भी समय कम से कम एक महीने का स्टॉक रहता है। इसका मतलब है कि लॉकडाउन की वजह से देशभर में विभिन्न आउटलेट्स पर कम से कम 3,000 करोड़ रुपये का स्टॉक पड़ा है।’’
उन्होंने कहा कि शराब की खुदरा बिक्री शुरू हो गई है। अब हमारे उद्योग को भी इसकी अनुमति दी जानी चाहिए।
सिंह ने कहा, ‘‘हम राज्य सरकारों से आग्रह कर रहे हैं कि हमें अस्थायी रूप से अपना स्टॉक बेचने की अनुमति दी जाए।’’ उन्होंने कहा कि दुनिया के सभी देशों ने ऐसा किया है। यहां भी ऐसा किया जा सकता है।
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