भारत कोकिंग कोल में वेतन की दिक्कत, अधिकारयों के मंच ने कंपनी के लिए सहायता पैकेज मांगा

Edited By PTI News Agency,Updated: 18 May, 2020 04:06 PM

pti state story

नयी दिल्ली, 18 मई (भाषा) कोल इंडिया की अनुषंगी भारत कोकिंग कोल में कर्मचारियों को वेतन देने में हो रही कठिनाई को देखते हुए इस महारत्न कंपनी के वर्तमान और सेवानिवृत्त अधिकारियों के संगठन ने सरकार से अनुषंगी इकाई को पटरी पर लाने के लिये उपयुक्त...

नयी दिल्ली, 18 मई (भाषा) कोल इंडिया की अनुषंगी भारत कोकिंग कोल में कर्मचारियों को वेतन देने में हो रही कठिनाई को देखते हुए इस महारत्न कंपनी के वर्तमान और सेवानिवृत्त अधिकारियों के संगठन ने सरकार से अनुषंगी इकाई को पटरी पर लाने के लिये उपयुक्त पैकेज की मांग की है।

ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ कोल एक्जक्यूटिव्स (एआईएसीई) ने 17 मई 2020 को कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी को लिखा है कि भारत कोकिंग कोल (बीसीसीएल) को 42,000 कर्मचारियों को वेतन देने में मुश्किल आ रही है।
पिछले कुछ सप्ताह से ग्राहकों की तरफ से पूरा भुगतान नहीं मिलने से उसे धन की दिक्कत हो रही है।

एसोसिएशन ने बीसीसीएल को पटरी पर लाने के लिये पैकेज की मांग करते हुए कहा, ‘‘मौजूदा हालात में पुनरूद्धार के एक भरोसेमंद उपाय का आग्रह है ताकि केंद्र सरकार इन प्रभावित सार्वजनिक उपक्रमों को संकट से पार पाने में मदद करने में स्वयं को सक्षम पा सके।’’
एआईएसीई के अनुसार एक मोटे अनुमान के अनुसार भारत कोकिंग कोल लि. सामान्य तौर पर हर महीने कोयला खरीदने वाले ग्राहकों से करीब 1,000 करोड़ रुपये प्राप्त करती थी। इनमें से 450 करोड़ रुपये वेतन पर और अन्य 450 करोड़ रुपये शुल्क तथा कच्चे माल की लागत पर खर्च होते थे।

उसने कहा कि बिजली कंपनियों के ऊपर कुल बकाया 3,200 करोड़ रुपये के ऊपर पहुंच गया है। यह कोल इंडिया की विभिन्न अनुषंगी इकाइयों में सबसे ज्यादा है। इस बकाये का कारण बिजली उत्पादकों के समक्ष ‘लॉकडाउन’ के दौरान नकदी की समस्या है।

संगठन के अनुसार पूरी कार्यशील पूंजी उत्पादन और सार्वजनिक क्षेत्र के ग्राहकों को कोयले की आपूर्ति में खर्च हो रही है।
पत्र में कहा गया है कि कंपनी के बड़े ग्राहकों ने नकदी की तंग स्थिति का हवाला देते हुए पिछला बकाया के निपटान से इनकार किया है।
स्थिति मार्च के मध्य से खराब होनी शुरू हुई जब बीसीसील के बड़े ग्राहकों में से एक दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) और पश्चिम बंगाल बिजली विकास निगम की तरफ से भुगतान में कमी होनी शुरू हुई।

एआईएसीई ने कहा, ‘‘ बीसीसीएल की कुल बिक्री में इन दोनों कंपनियों की हिस्सेदारी 80 प्रतिशत से अधिक है। मार्च में उन्होंने कुल बकाया में से छोटी राशि का भुगतान किया। अप्रैल में दोनों कंपनियों ने बार-बार आग्रह के बावजूद बिलों के निपटान नहीं किये।’’


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!