सरकार ने एनबीएफसी, एचएफसी की मदद को आांशिक ऋण गारटी योजना के नियमों में ढील दी

Edited By PTI News Agency,Updated: 20 May, 2020 09:00 PM

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नयी दिल्ली, 20 मई (भाषा) केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और आवास वित्त कंपनियों (एचएफसी) की मदद के लिए आंशिक ऋण गारंटी योजना (पीसीजीएस) के नियमों में ढील देते हुए इसकी समयावधि बढ़ा दी है। नियमों को उदार करने से...

नयी दिल्ली, 20 मई (भाषा) केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और आवास वित्त कंपनियों (एचएफसी) की मदद के लिए आंशिक ऋण गारंटी योजना (पीसीजीएस) के नियमों में ढील देते हुए इसकी समयावधि बढ़ा दी है। नियमों को उदार करने से अधिक संख्या में एनबीएफसी, एचएफसी और सूक्ष्म वित्त संस्थानों (एमएफआई) को इस योजना का लाभ मिल सकेगा।

इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने कर्ज चुकाने की कठिनाई वाले एनबीएफसी और एचएफसी के लिए 30,000 करोड़ रुपये की विशेष नकदी योजना को मंजूरी दे दी है। कोविड-19 संकट के बीच इन कंपनियों की हालत और खराब हुई है।
सरकार ने कोरोना वायरस संकट के मद्देनजर 21 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। इसी पैकेज के तहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले सप्ताह एनबीएफसी, एचएचएफसी और एमएफआई के लिए 45,000 करोड़ रुपये की पीसीजीएस 2.0 योजना की घोषणा की थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में संशोधित पीसीजीएस को मंजूरी दी गई। इसके तहत पहले नुकसान पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को एनबीएफसी, एमएफआई और एचएफसी के बांड या वाणिज्यिक पत्र खरीदने के लिए 20 प्रतिशत की सॉवरेन गारंटी उपलब्ध कराई जाएगी। यह गारंटी एए या उससे नीचे वाली कंपनियों के लिए होगी। इनमें एक साल की मूल परिपक्वता तक की अवधि वाले बगैर रेटिंग वाले पत्र भी होंगे।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस योजना की अवधि को भी 30 जून, 2020 से बढ़ाकर 31 मार्च, 2021 तक कर दिया है।
इसके अलावा मंत्रिमंडल ने संकट में फंसी एनबीएफसी और आवास वित्त कंपनियों के लिए 30,000 करोड़ रुपये की विशेष नकदी योजना को भी मंजूरी दे दी है।
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि बजट 2020-21 में यह घोषणा की गई थी कि एनबीएफसी-एचएफसी को आंशिक ऋण गारंटी योजना (पीसीजीएस) के तहत मिलने वाली कर्ज सहायता के अतिरिक्त भी नकदी सुविधा उपलब्ध कराने के लिए व्यवस्था बनाई जाएगी।
बयान में कहा गया है कि यह सुविधा सरकार और रिजर्व बैंक द्वारा अभी तक किए गए नकदी उपायों का पूरक होगी। इस योजना से एनबीएफसी-एचएफएसी और सूक्ष्म वित्त संस्थानों (एमएफआई) के ऋण संसाधन बढ़ेंगे। आईएलएंडएफएस समूह की कंपनियों द्वारा सितंबर, 2018 में भुगतान में चूक के सिलसिले के बाद एनबीएफसी और एचएफसी क्षेत्र काफी दबाव में हैं।
बयान में कहा गया है कि दबाव संपत्ति कोष (एसएएफ) के प्रबंधन के लिए एक विशेष कंपनी (एसपीवी) बनाई जाएगी, जिसकी विशेष प्रतिभूतियों पर सरकार गारंटी देगी और इनकी खरीद रिजर्व बैंक द्वारा की जाएगी।

एसपीवी द्वारा इस तरह की प्रतिभूतियों से प्राप्त राशि का इस्तेमाल एनबीएफसी-एचएफसी के लघु अवधि के ऋण-पत्र खरीदने के लिए किया जाएगा। इस योजना वित्तीय सेवा विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत होगी, जो इसके बारे में विस्तृत दिशानिर्देश जारी करेगा।

सरकार पर इस योजना का सीधा वित्तीय प्रभाव पांच करोड़ रुपये बैठेगा, जो एसपीवी में इक्विटी योगदान के रूप में होगा।


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