Edited By PTI News Agency,Updated: 21 May, 2020 08:40 PM
नयी दिल्ली, 21 मई (भाषा) सरकार टायर और रबर उद्योग में उपयोग होने वाले कार्बन ब्लैक के चीन और रूस से आयात पर लगे डंपिंग रोधी शुल्क की मियाद बढ़ा सकती है। इस मामले में घरेलू कंपनियों ने वाणिज्य मंत्रालय से जांच का अनुरोध किया है।
नयी दिल्ली, 21 मई (भाषा) सरकार टायर और रबर उद्योग में उपयोग होने वाले कार्बन ब्लैक के चीन और रूस से आयात पर लगे डंपिंग रोधी शुल्क की मियाद बढ़ा सकती है। इस मामले में घरेलू कंपनियों ने वाणिज्य मंत्रालय से जांच का अनुरोध किया है।
घरेलू विनिर्माताओं की शिकायत पर व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने इन देशों से आयातित कार्बन ब्लैक पर मौजूदा डंपिंग रोधी शुल्क को जारी रखने की जरूरत का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी। साथ ही वह यह भी देख रहा है कि क्या इससे घरेलू उद्योग प्रभावित हो रहा है।
कार्बन ब्लैक का उपयोग रबर और टायर उद्योग में होता है। घरेलू विनिर्माता फिलिप्स कार्बन ब्लैक, हिमाद्री स्पेशियलिटी केमिकल्स, कॉन्टिनेंटल कार्बन इंडिया और बिरला कार्बन इंडिया ने इस संबंध में डीजीटीआर से शिकायत की है।
वाणिज्य मंत्रालय के तहत काम करने वाला डीजीटीआर डंपिंग रोधी शुल्क मामलों की जांच कर मंत्रालय को शुल्क लगाने की सिफारिश भेजता है। मंत्रालय इसे आगे वित्त मंत्रालय के पास भेजता है। वित्त मंत्रालय डंपिंग रोधी शुल्क लगाने पर अंतिम निर्णय करता है।
कार्बन ब्लैक पर लगे मौजूदा डंपिंग रोधी शुल्क की मियाद 17 नवंबर 2020 तक है।
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