Edited By PTI News Agency,Updated: 21 May, 2020 09:46 PM
नयी दिल्ली, 21 मई (भाषा) जीएसटी मुनाफाखोरी निरोधक प्राधिकरण ने रीयल एस्टेट कंपनी एम्मार एमजीएफ को गलत तरीके से 13.35 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाने का दोषी पाया है। प्राधिकरण ने कंपनी से यह राशि 18 प्रतिशत ब्याज के साथ 1,239 मकान खरीदारों के...
नयी दिल्ली, 21 मई (भाषा) जीएसटी मुनाफाखोरी निरोधक प्राधिकरण ने रीयल एस्टेट कंपनी एम्मार एमजीएफ को गलत तरीके से 13.35 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाने का दोषी पाया है। प्राधिकरण ने कंपनी से यह राशि 18 प्रतिशत ब्याज के साथ 1,239 मकान खरीदारों के लौटाने को कहा है।
राष्ट्रीय मुनाफाखोरी निरोधक प्राधिकरण (एनएए) ने कहा है कि रीयल्टी कंपनी को अतिरिक्त इनपुट टेक्स क्रेडिट (आईअीसी) से लाभ हुआ है जो जुलाई 2017 और मार्च 2019 के बीच कारोबाार का 11.90 प्रतिशत है।
कंपनी की एमेराल्ड फ्लूर प्रीमयर परियोजना में मकान खरीदने वालों की शिकायत के आधार पर मामले की जांच की गयी। मुनाफाखोरी रोधी महानिदेशक की जांच रिपोर्ट के आधार पर एनएए ने अपनी व्यवस्था में एम्मार एमजीएफ को 13.35 करोड़ रुपये का मुनाफाखोरी का दोषी पाया।
एनएए ने कहा, ‘‘एम्मार एमजीएफ को 18 प्रतिशत सालाना ब्याज के साथ 13,35,79,636 और 1,04,734 रुपये... 18 प्रतिशत ब्यके साथ लौटाने का निर्देश दिया जाता है। कंपनी को यह ब्याज एमेराल्ड फ्लूर प्रीमियर परियोजना में मकान खरीदारों से ली गयी राशि से लौटाये जाने की अवधि तक देना होगा। कंपनी को यह राशि आदेश पारित होने के तीन महीने के भीतर लौटानी होगी।’’
प्राधिकरण ने कंपनी से इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ लेने पर रीयल्टी कंपनी से परियोजना में फ्लैट के दाम कम करने को भी कहा।
एनएए ने यह भी कहा कि कंपनी को कारण बताओ नोटिस भी दिया जाएगा और यह बताने को कहा जाएगा कि जीएसटी नियमों के तहत उस पर क्यों नहीं जुर्माना लगाया जाए।
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