पात्र एमएसएमई को सरकार के पैकेज के तहत बैंक/स्थान खुद कर्ज देने की पेशकश करेंगे

Edited By PTI News Agency,Updated: 28 May, 2020 04:19 PM

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नयी दिल्ली, 28 मई (भाषा) कर्ज ले रखे पात्र एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) को उनके बैंकों और वित्तीय संस्थानों की तरफ से पहले से मंजूर कर्ज की पेशकश होगी। केंद्र सरकार के छोटे उद्योगों के लिये 3 लाख करोड़ रुपये के पैकेज के तहत यह कर्ज...

नयी दिल्ली, 28 मई (भाषा) कर्ज ले रखे पात्र एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) को उनके बैंकों और वित्तीय संस्थानों की तरफ से पहले से मंजूर कर्ज की पेशकश होगी। केंद्र सरकार के छोटे उद्योगों के लिये 3 लाख करोड़ रुपये के पैकेज के तहत यह कर्ज की पेशकश की जा रही है।
सरकार ने कोविड-19 संकट से छोटे उद्योगों की मदद के लिये 21 लाख करोड़ रुपये के पैकेज के अतंर्गत 3 लाख करोड़ रुपये की गारंटीशुदा आपात कर्ज (जीईसीएल) सुविधा की घोषणा की है। इसका मकसद छोटे उद्योग को संकट की इस घड़ी में आसानी से कर्ज सुलभ कराने में मदद करना है।

बार-बार- पूछे जाने वाले सवाल (एफएक्यू) के अनुसार जीईसीएल ऐसा कर्ज है जिस पर शत प्रतिशत गारंटी नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी (एनसीजीटीसी)कर्ज देने वाले संस्थानों के सदस्यों (एमएलआई)... बैंकों, वित्तीय संस्थानों बौर गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) को देगी।

एनसीजीटीसी ने एफएक्यू जारी किया है।

बैंकों के मामले में पात्र एमएसएमई/व्यापार उपक्रम और प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत कर्ज लेने को इच्छुक इकाइयों के लिये ऋण अतिरिक्त कार्यशील पूंजी के रूप में निश्चित अवधि के लिये मिलेगा। जबकि एनबीएफसी के मामले में यह अतिरिक्त निश्चित अवधि की कर्ज सुविधा होगी।
एफएक्यू में कहा गया है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।

इसमें कम ब्याज दर पर 3 लाख करोड़ रुपये का कर्ज देने को लेकर वित्तीय संस्थानों को प्रोत्साहन देकर एमएसएमएई क्षेत्र को बड़ी राहत देने पर जोर है। इससे एमएसएमई परिचालन देनदारी को पूरा कर सकेंगे और अपना कारोबार शुरू कर सकेंगे।

इसमें कहा गया है, ‘‘यह पहले से मंजूर कर्ज होगा। इसके लिये एमएलआई की तरफ से पात्र कर्जदार को पहले से मंजूर ऋण की पेशकश की जाएगी। यह कर्ज लेने वाले पर होगाा कि वे उसे स्वीकाार करें अथवा नहीं। अगर संबंधित इकाई पेशकश स्वीकार करती है, उसके बाद जरूरी दस्तावेजों को पूरा करना होगा।

इसमें कर्ज नहीं लेने का विकल्प भी होगा। अगर कर्जदाता कर्ज लेने को इच्छुक नहीं है तो वह इस बारे में संकेत दे सकता है।

योजना के तहत दिये जाने पर कर्ज पर बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों के लिये ब्याज 9.25 प्रतिशत नियत किया गया है जबकि एनबीएफसी के मामले में यह 14 प्रतिशत है। जीईसीएल के तहत दिये गये कर्ज की मियाद चार साल होगी और पहले भुगतान करने पर कोई जर्माना नहीं लगेग।

साथ ही जीईसीएल से प्राप्त कर्ज की मूल रशि लौटाने के लिये एक साल की मोहलत दी गयी है।
एफएक्यू के अनुसार हालांकि जो ब्याज बनेगा, वह छूट अवधि के दौरान भी देना होगा। मोहलत अवधि समाप्त होने के बाद 36 महीने में मूल राशि लौटानी होगी।
सभी एमएसएमई कर्ज खाता जिसमें 29 फरवरी 2020 तक सभी कर्ज देने वाले संस्थानों का संयुक्त रूप से बकाया ऋण 25 करोड़ रुपये तक है और सालाना कारोबार 2019-20 में 100 करोड़ रुपये रहा है, वे योजना के तहत लाभ लेने के पात्र हैं।

योजना के अंतर्गत प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत दिया गया कर्ज भी इसके दायरे में आएगा। इसमें 29 फरवरी या उसके पहले के कर्ज आएंगे तथा इसकी जानकरी मुद्रा पोर्टल पर दी जाएगी।

इस बीच,व्यापारियों के शीर्ष संगठन कैट ने योजना का विस्तार करने को कहा है ताकि इसमें वे सभी व्यापरी आयें न कि केवल वे जो पहले से कर्ज ले रखे हैं।

संगठन ने कहा कि कोविड-19 संकट से खुदरा व्यापारी गंभीर रूप से प्रभावित हुए।
अखिल भारतीय व्यापार परिसंघ (कैट) ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘पिछले 60 दिनों में नुकसान 9 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।
कैट के अनुसार महमारी से पहले खुदरा कारोबार दैनिक आधार पर 15,000 करोड़ रुपये था। संगठन ने आने वाले समय में नुकसान बढ़ने की आशंका जतायी है और पुनरूद्धार को मुश्किल बताया है।
उसने कहा, ‘‘करीब 20 प्रतिशत कारोबारी अपनी दुकानें स्थायी तौर पर बंद कर सकते हैं।’’


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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