Edited By PTI News Agency,Updated: 02 Jun, 2020 08:58 PM
नयी दिल्ली, दो जून (भाषा) रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने मंगलवार को घरेलू विनिर्माण कार्यक्रम को बढ़ावा देने के प्रयासों के तहत 55 रासायनिक और कीटनाशक उत्पादों की सार्वजनिक खरीद के लिए उनमें एक न्यूनतम सीमा तक स्थानीय सामग्री होना अनिवार्य कर...
नयी दिल्ली, दो जून (भाषा) रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने मंगलवार को घरेलू विनिर्माण कार्यक्रम को बढ़ावा देने के प्रयासों के तहत 55 रासायनिक और कीटनाशक उत्पादों की सार्वजनिक खरीद के लिए उनमें एक न्यूनतम सीमा तक स्थानीय सामग्री होना अनिवार्य कर दिया है।
मंगलवार को मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि नए मानदंड के अनुसार, वर्ष 2020-21 के लिए इनमें न्यूनतम स्थानीय सामग्री की उपस्थिति 60 प्रतिशत,2021-23 के लिए 70 प्रतिशत वर्ष और 2023-25 के लिए 80 प्रतिशत तय की गई है।
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग ने मेक इन इंडिया को प्रोत्साहित करने और भारत में वस्तुओं, सेवाओं और रोजगार के सृजन और उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक अधिप्राप्ति (वरीयता प्राप्त मेक इन इंडिया) आदेश, 2017 को संशोधित किया है।
रसायनों और पेट्रोरसायन पदार्थों की शिनाख्त करते हुए, स्थानीय सामग्री की न्यूनतम उपस्थिति की मात्रा और गणना के तरीके को निर्धारित करते हुए, मंत्रालय ने कहा कि उसने घरेलू विनिर्माण की उपलब्ध क्षमता और स्थानीय प्रतिस्पर्धा की सीमा का आकलन किया है।
बयान में कहा गया है, "यह कदम प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) द्वारा शुरू किए गए आत्मानिर्भर भारत अभियान को मजबूत करेगा और घरेलू उत्पादन को भी बढ़ावा देगा।"
रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा, "माल, सेवाओं और कार्यों के विनिर्माण और उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए रसायनों और पेट्रो रसायन की अनिवार्य सार्वजनिक खरीद मेक इन इंडिया को बढ़ावा देगी।"
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।