उच्चतम न्यायालय ने चेक की वैधता की अवधि से लॉकडाउन का समय हटाने की याचिका खारिज की

Edited By PTI News Agency,Updated: 02 Jun, 2020 09:19 PM

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नयी दिल्ली, दो जून (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने चेक या डिमांड ड्रॉफ्ट की वैधता अवधि की गणना में कोविड-19 की वजह से लागू लॉकडाउन के समय को निकालने की याचिका खारिज कर दी है। रिजर्व बैंक ने नवंबर, 2011 में इस बारे में निर्देश जारी किए।

नयी दिल्ली, दो जून (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने चेक या डिमांड ड्रॉफ्ट की वैधता अवधि की गणना में कोविड-19 की वजह से लागू लॉकडाउन के समय को निकालने की याचिका खारिज कर दी है। रिजर्व बैंक ने नवंबर, 2011 में इस बारे में निर्देश जारी किए।
केंद्रीय बैंक ने चार नवंबर, 2011 को जारी निर्देश में कहा था कि एक अप्रैल, 2012 से बैंक चेक-ड्रॉफ्ट-पे ऑर्डर-बैंकर्स चेक का भुगतान उस पर अंकित तारीख के तीन महीने बाद नहीं कर कर सकते हैं।
न्यायमूर्ति आर भानुमति की अगुवाई वाली पीठ ने इस मामले की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये की। पीठ ने कहा कि याचिका में जो मुद्दा उठाया गया है वह नीतिगत फैसला है और अदालत इस तरह के मुद्दों पर कोई निर्देश जारी नहीं कर सकती।
याचिकाकर्ता ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर याचिका में लॉकडाउन की अवधि को चेक की वैधता के समय में शामिल नहीं करने का निर्देश देने की अपील की थी।
पीठने कहा कि हमारा विचार है कि यह रिजर्व बैंक द्वारा लिया गया नीतिगत फैसला है और न्यायालय इस पर कोई निर्देश जारी नहीं कर सकता। पीठ ने इस याचिका को ‘टिकने योग्य नहीं’ मानते हुए खारिज कर दिया।


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