Edited By PTI News Agency,Updated: 05 Jun, 2020 05:36 PM
नयी दिल्ली, पांच जून (भाषा) ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज़ लिमिटेड (ईईएसएल) ने भारत-अमेरिका के मैत्री कार्यक्रम के तहत यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट के साथ मिलकर शुक्रवार को कार्यस्थल को...
नयी दिल्ली, पांच जून (भाषा) ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज़ लिमिटेड (ईईएसएल) ने भारत-अमेरिका के मैत्री कार्यक्रम के तहत यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट के साथ मिलकर शुक्रवार को कार्यस्थल को स्वास्थ्य के लिहाज से बेहतर और हरित बनाने के लिये पहल की घोषणा की है।
ऊर्जा दक्षता के लिये बाजार एकीकरण और रूपांतरण कार्यक्रम (मैत्री) का मकसद इमारतों के भीतर एक मानक कार्यप्रणाली के रूप में कम लागत पर ऊर्जा दक्षता उपायों को बढ़ावा देना है। इसमें खासकर ‘कूलिंग’ व्यवस्था पर जोर दिया जाता है।
मैत्री भारत और अमेरिका के बीच द्वपिक्षीय भागीदारी के तहत बिजली मंत्रालय और यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) की एक पहल है।
ईईएसएल ने एक बयान में कहा, ‘‘विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज़ लिमिटेड ने यूएसएआईडी मैत्री कार्यक्रम के साथ मिलकर ‘स्वस्थ्य और ऊर्जा दक्ष इमारत’ पहल शुरू की है। यह कार्य स्थलों को स्वास्थ्य के लिहाज से बेहतर और हरित बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।’’
पायलट अभियान के तहत ईईएसएल ने स्वयं पहल करते हुए इसे अपने दफ्तरों में क्रियान्वित करने का निर्णय किया है।
ईईएसएल के प्रबंध निदेशक सौरभ कुमार ने कहा, ‘‘यह पहल मौजूदा इमारतों में बदलाव और एयर कंडीशनिंग प्रणाली की चुनौतियों का समाधान करता है ताकि दोनों स्वास्थ्य के लिहाज से बेहतर और ऊर्जा दक्ष हों।’’
इस मौके पर जारी एक वीडियो संदेश में कुमार ने कहा कि इसके तहत अतिरिक्त फिल्टर और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाएगा। साथ ही निगरानी स्टेशन भी बनाये जाएंगे जो दफ्तर के भीतर की हवा की गुणवत्ता की वास्तविक समय पर जानकारी देंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि यह पायलट कार्यक्रम अन्य इमारतों के लिये स्वस्थ्य और ऊर्जा दक्षता के लिये उपयुक्त कदम उठाने का रास्ता साफ करेगा। हमारा कार्य हमेशा आम लोगों और हर किसी के लाभ के लिये होता है और यूएसएआईडी के साथ भागीदारी से इसमें और वृद्धि होगी।’’
भारत के लिये पिछले कुछ समय से हवा की खराब गुणवत्ता चिंता का विषय रहा है। अब कोविड-19 महामारी के बाद यह और महत्वपूर्ण हो गया है। अब जब लोग अपने दफ्तरों और कार्य स्थलों पर लौटेंगे, अंदर की हवा की गुणवत्ता न केवल कामकाज के अच्छे माहौल के लिये बल्कि लोगों की सेहत के नजरिये से बेहतर बनाये रखना जरूरी है।
ईईएसएल का अपने दफ्तरों में शुरू पायलट कार्यक्रम आने वाले समय में इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इससे देश भर की दूसरी इमारतों में जरूरत के अनुसार पहल की जा सकेगी।
यूएसएआईडी के भारत में कार्यवाहक मिशन निदेशक रामोना अल हमजाउई ने कहा, ‘‘हमारे इस प्रयास से इमारतों में हवा की गुणवत्तता और ऊर्जा उपयोग की चिंता दूर होगी। इससे भारत और दक्षिण एशिया के नागरिकों के स्वास्थ्य, उत्पादकता, आराम और अंतत: जीवन गुणवत्ता बेहतर होगी।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।