भविष्योन्मुखी तरीके से प्रौद्योगिकी अपना रही हैं भारतीय अदालतें: नीति आयोग सीईओ

Edited By PTI News Agency,Updated: 06 Jun, 2020 10:42 PM

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नयी दिल्ली, छह जून (भाषा) नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने शनिवार को कहा कि भारतीय अदालतें स्थायी और भविष्योन्मुखी सोच के साथ प्रौद्योगिकी को जल्द से जल्द अपना रही हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय प्रणाली का प्रत्येक...

नयी दिल्ली, छह जून (भाषा) नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने शनिवार को कहा कि भारतीय अदालतें स्थायी और भविष्योन्मुखी सोच के साथ प्रौद्योगिकी को जल्द से जल्द अपना रही हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय प्रणाली का प्रत्येक हिस्सा समाधान-संचालित भविष्य की दिशा में काम कर रहा है।

कांत ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान सबसे उत्साहजनक घटनाक्रमों में एक यह है कि प्रौद्योगिकी को अपनाने में सर्वोच्च न्यायालय किस तरह प्रगतिशील और नवोन्मेषी है।

उन्होंने ‘कैटलाइजिंग ऑनलाइन डिस्पुट रिजॉल्यूशन (ओडीआर) फोर जस्टिस डिलिवरी’ वेबिनार में कहा कि कोविड-19 महामारी ने ऐसे समाधानों को अपनाने पर मजबूर किया है, जिनके लिये कम संपर्क की जरूरत होती है और जिन्हें प्रौद्योगिकी के माध्यम से अमल में लाया जा सकता है।

इस कार्यक्रम में न्यायमूर्ति एके सीकरी ने कहा कि ऑनलाइन विवाद समाधान में समय और लागत की बचत करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि जागरूकता पैदा करना और प्रोत्साहन प्रदान करना अत्यावश्यक है।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और ब्लॉकचेन में विवादों को अनलॉक करने की क्षमता है। हमारे पास राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड पर डेटा का भंडार है, जिसका विश्लेषण किया जा सकता है।



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