Edited By PTI News Agency,Updated: 01 Jul, 2020 10:34 PM
नयी दिल्ली, एक जुलाई (भाषा) देश में अब प्राकृतिक गैस के मूल्य निर्धारण और विपणन की खुली छूट देने की तैयारी चल रही है। इसके साथ ही पाइपलाइन शुल्क को भी तर्कसंगत बनाया जायेगा। देश में उपयोग होने वाले तमाम ऊर्जा साधनों में प्राकृतिक गैस के...
नयी दिल्ली, एक जुलाई (भाषा) देश में अब प्राकृतिक गैस के मूल्य निर्धारण और विपणन की खुली छूट देने की तैयारी चल रही है। इसके साथ ही पाइपलाइन शुल्क को भी तर्कसंगत बनाया जायेगा। देश में उपयोग होने वाले तमाम ऊर्जा साधनों में प्राकृतिक गैस के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिये ये कदम उठाये जायेंगे। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने बुधवार को यह कहा।
प्रधान ने हालांकि गैस के दाम को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने के किसी कार्ययोजना का खुलासा तो नहीं किया लेकिन गैस पाइपलाइन से परिवन की दर के बारे में यह कहा कि वर्तमान में शुल्क आंचलिक आधार पर तय किया जाता है । इसके स्थान पर एकसमान दर की नई नीति लाई जायेगी। जिसके तहत देशभर में उपभोक्ताओं को समान रूप से पहुंच उपलब्ध होगी।
प्रधान ने कहा कि एशिया में भारत गैस की मांग के मामले में सबसे आगे होगा। इसके लिये घरेलू स्तर पर गैस का उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान दिया जा रहा है साथ ही गैस परिवहन और रखरखाव के लिये जरूरी ढांचे को भी विकसित किया जा रहा है।
भारत का अपने समग्र ऊर्जा खपत भंडार में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को 2030 तक 15 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य है। वर्तमान में ऊर्जा खपत में गैस की 6.2 प्रतिशत हिस्सेदारी ही है।
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