जून में खाद्यतेलों का आयात आठ माह में सबसे अधिक 11.62 लाख टन रहा

Edited By PTI News Agency,Updated: 07 Jul, 2020 05:23 PM

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नयी दिल्ली, सात जुलाई (भाषा) देश में खाद्य तेलों का आयात जून में 11.62 लाख टन रहा है। पिछले आठ महीने में यह खाद्य तेलों का सबसे अधिक आयात हुआ है। हालांकि, इस अवधि के दौरान पाम तेल के आयात की खेप में भारी गिरावट देखी गई। तेल उद्योग के प्रमुख...

नयी दिल्ली, सात जुलाई (भाषा) देश में खाद्य तेलों का आयात जून में 11.62 लाख टन रहा है। पिछले आठ महीने में यह खाद्य तेलों का सबसे अधिक आयात हुआ है। हालांकि, इस अवधि के दौरान पाम तेल के आयात की खेप में भारी गिरावट देखी गई। तेल उद्योग के प्रमुख संगठन, साल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
दुनिया में वनस्पति तेलों के प्रमुख खरीदार देश, भारत ने पिछले साल इसी महीने में 10.71 लाख टन खाद्य तेलों का आयात किया था।
हालांकि, तेल वर्ष 2019-20 के दौरान नवंबर से जून अवधि की यदि बात की जाये तो इस दौरान खाद्य तेलों का आयात 15 प्रतिशत घटकर 80.51 लाख टन रह गया, जो एक साल पहले की इसी अवधि में 94.55 लाख टन रहा था। इस गिरावट का मुख्य कारण आरबीडी पामोलीन के आयात में गिरावट आना रहा।
तेल वर्ष नवंबर से अक्टूबर तक चलता है।
मुंबई स्थित सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ने एक बयान में कहा, ‘‘तेल वर्ष 2019-20 के पिछले आठ महीनों में यह (जून महीने के दौरान) सर्वाधिक आयात की मात्रा है।’’ जून में कुल आयात में से पाम तेल का हिस्सा 5.62 लाख टन का है जबकि हल्के तेलों का हिस्सा 5.99 लाख टन का है।
वास्तव में, देश में आयात होने वाले खाद्यतेल में 60 प्रतिशत से अधिक का हिस्सा पामतेल का होता है - लेकिन इस बार इसमें पिछले साल जून में हुए 6.86 लाख टन आयात के मुकाबले 18.04 प्रतिशत की गिरावट आई है।
पाम तेल में से आरबीडी पामोलीन का आयात इस साल जून में भारी गिरावट के साथ 3,000 टन रह गया, जबकि साल भर पहले यह आयात 2.55 लाख टन का हुआ था।
एसईए ने कहा कि इस साल आठ जनवरी से आरबीडी पामोलीन को प्रतिबंधित व्यापार श्रेणी के तहत लाने के बाद से आरबीडी पामोलीन के आयात की खेप में गिरावट जारी है।
एसईए ने कहा, ‘‘वर्ष 1994 में भारत द्वारा आरबीडी पामोलीन तेल के आयात की अनुमति देने के बाद इस समय इसका सबसे कम आयात हुआ है। पिछले साल, मलेशिया ने कम शुल्क रियायतों का लाभ उठाते हुए भारत में अत्यधिक मात्रा में आरबीडी पामोलीन की खेप भेजी थी।’’ हालाँकि, कच्चे पामतेल (सीपीओ) का आयात पहले के 4.21 लाख टन के मुकाबले समीक्षाधीन अवधि में कहीं अधिक यानी 5.59 लाख टन का हुआ। उक्त अवधि के दौरान ही 10,334 टन कच्चे पाम कर्नेल (गरी) तेल (सीपीकेओ) का भी आयात किया।
हल्के तेलों में, सूरजमुखी तेल का आयात जून में बढ़कर 2.68 लाख टन हो गया, जो एक साल पहले के समान महीने में 1.61 लाख टन था, जबकि जून 2019 में सोयाबीन तेल का आयात 2.31 लाख टन से बढ़कर 3.31 लाख टन हो गया है।
एसोसिएशन ने कहा कि लॉकडाउन की अवधि में, सूरजमुखी और सोयाबीन तेल के लिए उपभोक्ता पैक में घरेलू मांग बढ़ गयी थी, जो क्रमशः उनके आयात में 17 प्रतिशत और 13 प्रतिशत की वृद्धि से प्रकट होता है।
एसईए के अनुसार, पिछले छह महीनों में मुख्य रूप से घरेलू मांग कम होने और खाद्य तेल के आयात में कमी के कारण स्टॉक में कमी आई है। एक मई को, विभिन्न बंदरगाहों पर खाद्य तेल का स्टॉक 9.15 लाख टन का था, जो एक अप्रैल को 12.30 लाख टन के स्तर से नीचे था। भारत मुख्य रूप से इंडोनेशिया और मलेशिया से पाम तेल आयात करता है, और अर्जेंटीना से सोयाबीन तेल सहित हल्के कच्चे तेल की थोड़ी मात्रा का आयात करता है। सूरजमुखी का तेल यूक्रेन और रूस से आयात किया जाता है।


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