सरकार ने एक लाख करोड़ रुपये का कृषि अवसंरचना कोष बनाने की मंजूरी दी

Edited By PTI News Agency,Updated: 08 Jul, 2020 09:32 PM

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नयी दिल्ली, आठ जुलाई (भाषा) सरकार ने एक लाख करोड़ रुपये का कृषि अवसंरचना कोष बनाने की बुधवार को मंजूरी दे दी। इस कोष से कृषि संबंधी बुनियादी संरचना के लिये सस्ते कर्ज दिये जायेंगे, जिससे ग्रामीण इलाकों में निजी निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा तथा...

नयी दिल्ली, आठ जुलाई (भाषा) सरकार ने एक लाख करोड़ रुपये का कृषि अवसंरचना कोष बनाने की बुधवार को मंजूरी दे दी। इस कोष से कृषि संबंधी बुनियादी संरचना के लिये सस्ते कर्ज दिये जायेंगे, जिससे ग्रामीण इलाकों में निजी निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा तथा रोजगार के असवरों का सृजन होगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस बारे में निर्णय लिया गया।
कृषि अवसंरचना कोष प्रधानमंत्री के 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक प्रोत्साहन पैकज का हिस्सा है। कोरोना वायरस महामारी से बुरी तरह प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के लिये इस पैकेज की घोषणा की गयी थी।

कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने मंत्रिमंडल में लिये गये फैसले की जानकारी देते हुये कहा, ‘‘यह एक एतिहासिक निर्णय है। इससे कृषि क्षेत्र को और बढ़ावा मिलेगा।’’
उन्होंने कहा कि अभी ग्रामीण इलाकों में ऐसी बुनियादी संरचनाओं का अभाव है, जो किसानों को अपने उत्पादों को रखने की सुविधा दे सकें ताकि वे दाम बढ़ने पर अपने उत्पाद बेच सकें। यहां तक कि ग्रामीण क्षेत्रों तक निजी निवेश पहुंच नहीं पाता है।

तोमर ने कहा, ‘‘ग्रामीण इलाकों में निजी निवेश प्रोत्साहित करने के लिये एक लाख करोड़ रुपये का कृषि बुनियादी संरचना कोष माध्यम का काम करेगा। मंत्रिमंडल ने इसे मंजूरी दी है। यह कृषि क्षेत्र को बदलने में मदद करेगा।’’
मंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि संबंधी बुनियादी संरचना को बेहतर बनाने से किसानों को बेहतर कीमत मिल पाना सुनिश्चित होगा। इसके साथ ही यह प्रसंस्करण के स्तरों को बेहतर बनाकर खाद्य पदार्थों की बर्बादी कम करेगा तथा रोजगार के अवसरों का सृजन करेगा।

उन्होंने कहा कि एक लाख करोड़ रुपये के कृषि अवसंरचना कोष से प्राथमिक कृषि रिण सोसायटियों, किसान समूहों, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ), कृषि उद्यमियों, स्टार्ट अप और कृषि प्रौद्योगिकी उद्यमियों को वित्तीय समर्थन दिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि इस कोष से शीत भंडारगृहों की श्रृंखला खड़ी करने, गुणवत्तापरक सुविधा संपन्न गोदाम बनाने, अनाज रखने के गोदाम बनाने, छंटाई और पैकिंग इकाइयां, ई- विपणन केन्द्र जो कि ई-व्यापार प्लेटफार्म से जुड़े हों, साथ ही केन्द्र और राज्य सरकारों की सहायता से निजी- सार्वजनिक भागीदारी के जरिये कृषि संग्रहण केन्द्र एवं रखरखाव सुविधायें उपलब्ध कराना शामिल है।

तोमर ने कहा कि यह कोष 10 साल की अवधि के लिये गठित होगा। इसके तहत चार सालों तक कर्ज का वितरण किया जायेगा। चालू वर्ष में 10 हजार करोड़ रुपये के कर्ज बांटे जायेंगे। इसके बाद लगातार तीन साल तक हर साल 30 हजार करोड़ रुपये के कर्ज का वितरण किया जायेगा।




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