Edited By PTI News Agency,Updated: 08 Jul, 2020 10:55 PM
नयी दिल्ली, आठ जुलाई (भाषा) कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये देश भर में लागू पाबंदियों में ढील के बाद घरेलू विमानन सेवाएं शुरू तो हो गयी है पर एक घरेलू विमानन कंपनी के बड़े अधिकारी का कहना है कि यात्रियों के पृथक रहने को लेकर राज्यों के...
नयी दिल्ली, आठ जुलाई (भाषा) कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये देश भर में लागू पाबंदियों में ढील के बाद घरेलू विमानन सेवाएं शुरू तो हो गयी है पर एक घरेलू विमानन कंपनी के बड़े अधिकारी का कहना है कि यात्रियों के पृथक रहने को लेकर राज्यों के नियमों में असमानता के कारण सेवाओं की वृद्धि की गति धीमी है।
इंडिगो के मुख्य रणनीति एवं राजस्व अधिकारी संजय कुमार ने उद्योग संगठन पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित वेबिनार ‘विमानन उद्योग की वापसी की राह’ में बुधवार को यह बात कही।
उन्होंने उदाहरण दिया कि असम ने यात्रियों के लिये सात दिन संस्थागत पृथककरण तथा सात दिन घर पर पृथक रहने का प्रावधान किया है, लेकिन दिल्ली में यात्रियों को 14 दिन घर में ही पृथक रहने को कहा जाता है।
उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि हम देखते हैं उड़ानों की संख्या बढ़ रही और यात्री बढ़ने लगे हैं। मुझे लगता है कि विश्वास का एक स्तर है, जो यात्रा करने वाली जनता में वापस आ रहा है।’’
उन्होंने कहा, "केवल यही कारण है कि हम अभी भी बहुत धीमी वृद्धि देख रहे हैं, क्योंकि विभिन्न राज्यों में नियम अलग अलग हैं। इससे लोग यात्रा से बच रहे हैं।’’
भारत ने कोरोना वायरस महामारी के कारण दो महीने के अंतराल के बाद 25 मई को घरेलू यात्री उड़ानों को फिर से शुरू किया। हालांकि, महामारी के पहले की उड़ानों में से केवल 33 प्रतिशत को ही शुरू में उड़ान भरने की अनुमति थी। बाद में 26 जून को इसे बढ़ाकर 45 फीसदी कर दिया गया था।
भारत में अब प्रतिदिन लगभग 700 घरेलू यात्री उड़ानें भरी जा रही हैं और औसतन 50-60 प्रतिशत सीटें भर रही हैं।
उदाहरण के लिये, नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार, मंगलवार को 61,512 यात्रियों के साथ कुल 715 घरेलू उड़ानें संचालित हुईं। इसका मतलब है कि प्रत्येक उड़ान में 86 यात्री थे।
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