मोदी, पिचाई ने डेटा सुरक्षा, कृषि क्षेत्र में कृत्रिम मेधा के इस्तेमाल पर की चर्चा

Edited By PTI News Agency,Updated: 13 Jul, 2020 06:30 PM

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नयी दिल्ली, 13 जुलाई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को गूगल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुंदर पिचाई के साथ इंटरनेट के इस दौर में निजता को लेकर बढ़ती चिंता के बीच डेटा सुरक्षा सहित कई मुद्दों पर बातचीत की। इस दौरान...

नयी दिल्ली, 13 जुलाई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को गूगल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुंदर पिचाई के साथ इंटरनेट के इस दौर में निजता को लेकर बढ़ती चिंता के बीच डेटा सुरक्षा सहित कई मुद्दों पर बातचीत की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने भारत के किसानों और युवाओं के जीवन में बदलाव लाने और आनलाइन शिक्षा के विस्तार में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को लेकर चर्चा की।
बातचीत के दौरान दोनों के बीच कोरोना वायरस महामारी के दौर में उभरती नई कार्य संस्कृति को लेकर भी चर्चा हुई। प्रधानमंत्री कार्यालय ने यह जानकारी दी है।
प्रधानमंत्री को गूगल की भारत में एक बड़े निवेश कोष की शुरुआत और रणनीतिक भागीदारी विकसित करने की जानकारी भी दी गई। इसके बाद पिचाई ने भारत में अगले पांच से सात साल के दौरान 75,000 करोड़ रुपये का निवेश करने के वास्ते इंडिया डिजिटलीकरण कोष की शुरुआत करने की घोषणा की।

वक्तव्य के अनुसार पिचाई ने कहा कि प्रधानमंत्री के देशव्यापी लॉकडाउन लागू करने के ‘‘ठोस कदम’’ ने महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई की काफी मजबूत शुरुआत हुई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने एक के बाद एक कई ट्वीट जारी कर कहा, ‘‘हमने वैश्विक महामारी के कारण खेलकूद जैसे क्षेत्र में आई चुनौती को लेकर चर्चा की। हमने डेटा सुरक्षा और साइबर सुरक्षा के महत्व को लेकर भी बातचीत की।’’
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी वक्तव्य के मुताबिक मोदी ने स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के आगे और इस्तेमाल को लेकर बातचीत की। इस दौरान डेटा सुरक्षा और निजता को लेकर चिंताओं पर भी चर्चा हुई।
वक्तव्य में कहा गया है, ‘‘उन्होंने (प्रधानमंत्री ने) कहा कि प्रौद्योगिकी कंपनियों को विश्वास की कमी को दूर करने के प्रयास करने चाहिये। उन्होंने साइबर अपराध और साइबर हमले के रूप में सामने आने वाले खतरों को लेकर भी बातचीत की।’’
मोदी ने प्रौद्योगिकी से किसानों को होने वाले फायदे और कृषि क्षेत्र में कृत्रिम मेधा के संभावित व्यापक लाभ पर भी चर्चा की। वक्तव्य में कहा गया है कि इस दौरान प्रधानमंत्री ने ऐसी वर्चुअल प्रयोगशाला के विचार की संभावनाओं भी चर्चा की जिसका इस्तेमाल छात्रों के साथ साथ किसानों द्वारा भी किया जा सके।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज प्रात: सुंदर पिचाई के साथ बहुत ही फलदायी चर्चा हुई। हमने कई मुद्दों पर बातचीत की, इस दौरान खासतौर से भारत के किसानों, युवाओं और उद्यमियों के जीवन में बदलाव लाने में प्रौद्योगिकी की ताकत के इस्तेमाल को लेकर चर्चा हुई।’’
सुंदर पिचाई अल्फाबेट इंक और उसकी अनुषंगी गूगल एलएलसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हैं।

इस दौरान प्रधानमंत्री ने भारत को दुनिया की सबसे खुली अर्थव्यवस्थाओं में से एक बताया। उन्होंने कृषि क्षेत्र मं सुधारों को बढ़ाने की दिशा में सरकार द्वारा उठाये गये कदमों के बारे में बताया। मोदी ने रोजगार सृजनके अभियान के बारे में भी कहा साथ ही फिर से कौशल होने के महत्व को भी रेखांकित किया।
चर्चा में शामिल अन्य मुद्दों में आनलाइन शिक्षा के विस्तार में प्रौद्योगिकीय निदान, अपनी भाषा में प्रौद्योगिकी तक पहुंच सुनिश्चित करने, खेलकूद के क्षेत्र में स्टेडियम में बैठकर देखना जैसा अनुभव देने के लिये प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल और डजिटल भुगतान के क्षेत्र में होने वाली प्रगति को लेकर भी बातचीत हुई।
मोदी ने कहा कि उन्हें गूगल के विभिन्न क्षेत्रों में किये जा रहे प्रयासों को जानकार प्रसन्नता हुई। ‘‘चाहे यह शिक्षा के क्षेत्र में हो, पढ़ाई हो, डिजिटल इंडिया हो या फिर डिजिटल भुगतान को आगे बढ़ाने या अन्य क्षेत्रों की बात हो।’’
पिचाई ने प्रधानमंत्री को देश में गूगल के नये उत्पादों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बेंगलूरू में कृत्रिम मेधा शोध प्रयोगशाला की शुरुआत के बारे में बताया साथ ही गूगल की बाढ़ को लेकर भविष्यवाणी के प्रयासों और उसके फायदों से भी अवगत कराया।



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