औषधि सामग्री, चिकित्सा उपकरण के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के दिशानिर्देश जारी

Edited By PTI News Agency,Updated: 27 Jul, 2020 10:11 PM

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नयी दिल्ली, 27 जुलाई (भाषा) सरकार ने औषधियों के विनिर्माण में काम आने वाली रासायनिक सामग्री और चिकित्सा उपकरणों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने वाली चार योजनाओं के दिशानिर्देशों को सोमवार को जारी किया। इसके तहत देश में थोक दवा एवं चिकित्सा...

नयी दिल्ली, 27 जुलाई (भाषा) सरकार ने औषधियों के विनिर्माण में काम आने वाली रासायनिक सामग्री और चिकित्सा उपकरणों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने वाली चार योजनाओं के दिशानिर्देशों को सोमवार को जारी किया। इसके तहत देश में थोक दवा एवं चिकित्सा उपकरण पार्क की स्थापना की जानी है।
औषधि विभाग की इन योजनाओं को इस साल मार्च में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी।
केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डी वी सदानंद गौड़ा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुसार, दवा क्षेत्र में भारत को आत्म निर्भर बनाने के लिए इन योजनाओं की परिकल्पना की गई है।’’
उन्होंने कहा कि इनका मकसद भारत को 53 महत्वपूर्ण सक्रिय दवा सामग्रियों (एपीआई) या मुख्य औषधिक सामग्री (केएसएम) के उत्पादन में और चिकित्सा उपकरणों के विनिर्माण में आत्मनिर्भर बनाना है, जिसके लिए अभी देश मुख्य रूप से आयात पर निर्भर है।
गौड़ा ने कहा कि कोरोना वायरस संकट ने वैश्किव आपूर्ति श्रृंखला की कमजोरियों को उजागर कर दिया है और देश की स्वास्थ्य सुरक्षा को चुनौती दी है।

उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान दवाओं की तेजी से आपूर्ति सुनिश्चित करने के दौरान यह महसूस किया गया कि एपीआई और चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन की घरेलू क्षमता को बढ़ाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि सरकार दवा क्षेत्र में आयात पर देश की निर्भरता कम करना चाहती हैं।

गौड़ा ने कहा, ‘‘योजनाओं का मसौदा उद्योग और राज्य सरकारों सहित हितधारकों के साथ गहन विचार-विमर्श के बाद सावधानीपूर्वक तैयार किया गया है। स्थान का चयन तटस्थ मानदंडों और प्रतिस्पर्धी संघवाद की भावना के आधार पर किया जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि पार्क के लिए जगह का चयन विनियामक मंजूरियों, बुनियादी ढांचे की स्थित, बेहतर संपर्क, सस्ती जमीन, प्रतिस्पर्धी उपयोगिता शुल्क और मजबूत आरएंडडी पारिस्थितिकी तंत्र पर आधारित होगा।
मंत्री ने कहा कि इससे नई विनिर्माण इकाइयों की स्थापना के लिए समय और निवेश लागत में कमी होगी।

उन्होंने कहा कि दो-तीन साल में इन पार्कों के चालू होने के बाद बड़ी संख्या में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के मौके भी तैयार होंगे और भारत वैश्विक दवा केंद्र बनेगा।
गौड़ा ने कहा कि इस समय दवा उद्योग का आकार करीब 40 अरब डॉलर है, जो 2024 तक बढ़कर 100 अरब डॉलर हो जाएगा।


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