Edited By PTI News Agency,Updated: 28 Jul, 2020 07:14 PM
नयी दिल्ली, 28 जुलाई (भाषा) नवीकरणीय ऊर्जा प्रमाणपत्रों की बिक्री जून में सालाना आधार पर 50 प्रतिशत घटकर 3.49 लाख इकाई रही। एक साल पहले इसी महीने में यह 6.98 लाख इकाई थी।
नयी दिल्ली, 28 जुलाई (भाषा) नवीकरणीय ऊर्जा प्रमाणपत्रों की बिक्री जून में सालाना आधार पर 50 प्रतिशत घटकर 3.49 लाख इकाई रही। एक साल पहले इसी महीने में यह 6.98 लाख इकाई थी।
नवीकरणीय ऊर्जा प्रमाणपत्र (आरईसी) बाजार आधारित उत्पाद है। पात्र नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से एक मेगावाट घंटा बिजली का उत्पादन होने पर एक आरईसी का सृजन होता है।
आधिकारिक आंकड़े के अनुसार जून महीने में इंडियन एनर्जी एक्सचेंज में 2.29 लाख आरईसी का कारोबार हुआ जो 2019 के इसी महीने में 4.19 लाख था।
पावर एक्सचेंज ऑफ इंडिया (पीएक्सआईएल) ने करीब 1.2 लाख आरईसी की बिक्री की। एक साल पहले 2019 के इसी महीने में इसकी संख्या 2.79 लाख थी।
आईईएक्स और पीएक्सआईएल, आरईसी और बिजली के कारोबार से जुड़े हैं। आरईसी का कारोबार हर महीने के अंतिम बुधवार को होता है।
आईईएक्स और पीएक्सआईएल के आंकड़े के अनुसार खरीद बोली के मुकाबले आरईसी की आपूर्ति अधिक रही है। आईईएक्स में इस साल जून में खरीद के लिये 2.29 बोलियां आयीं जबकि बिक्री के लिये 8.48 लाख आरईसी के लिये बोलियां थी।
इसी प्रकार, पीएक्सआईएल में भी आपूर्ति अधिक रही है। खरीद के लिये 1.22 आरईसी के लिये बोलियां आयीं जबकि बिक्री के लिये 4.49 लाख इकाइयों के लिये बोलियां आयीं।
नवीकरणीय ऊर्जा खरीद बाध्यता (आरपीओ) के तहत वितरण कंपनियों, स्वयं के उपयोग के लिये कहीं से भी बिजली खरीद की सुविधा वाले ग्रााहकों समेत थोक खरीदारों को कुल बिजली उपयोग में एक हिस्सा नवीकरणीय ऊर्जा का भी उपयोग करना है। वे नवीकणीय ऊर्जा उत्पादकों से आरईसी खरीदकर आरपीओ नियमों का पालन कर सकते हैं।
कुल बिजली में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी केंद्रीय और राज्य विद्युत नियामक आयोग ने तय कर रखा है।
आरईसी व्यवस्था बाजार आधारित उत्पाद है जिसका मकसद ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों और उसके बाजार के विकास को बढ़ावा देना है।
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