Edited By PTI News Agency,Updated: 01 Aug, 2020 12:23 PM
नयी दिल्ली, 29 जुलाई (भाषा) राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) ने 2017-18 के लिये आईएलएंडएफएस फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (आईएफआईएन) के वैधानिक ऑडिट में कथित पेशेवर कदाचार के लिये एक अन्य ऑडिटर पर पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया...
नयी दिल्ली, 29 जुलाई (भाषा) राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) ने 2017-18 के लिये आईएलएंडएफएस फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (आईएफआईएन) के वैधानिक ऑडिट में कथित पेशेवर कदाचार के लिये एक अन्य ऑडिटर पर पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया है।
नियामक ने इसके अलावा वैधानिक ऑडिट में साझेदार श्रेणिक वैद्य पर 15 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
वैद्य तीसरे ऐसे ऑडिटर हैं, जिनके ऊपर एनएफआरए ने आईएफआईएन मामले में कार्रवाई की है। आईएफआईएन के लिये 2017-18 में डिलॉयट हैसकिन्स एंड सेल्स एलएलपी ने वैधानिक ऑडिट किया था।
हालांकि नियामक ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय के जून के एक आदेश के कारण उसका यह निर्णय 31 जुलाई तक प्रभावी नहीं हो सकता है।
एनएफआरए ने 28 जुलाई को दिये 92 पन्ने के अपने आदेश में वैद्य पर यह जुर्माना लगाया है। वह अब किसी भी कंपनी या कॉरपोरेट निकाय के लिये पांच साल तक ऑडिटर या आंतरिक ऑडिटर नहीं नियुक्त किये जा सकते हैं।
इससे पहले एनएफआरए ने पिछले सप्ताह इसी मामले में दो अन्य ऑडिटरों के खिलाफ भी कार्रवाई की थी। डिलॉयट हैसकिन्स एंड सेल्स एलएलपी के इंगेजमेंट पार्टनर उदयन सेन पर सात साल का प्रतिबंध लगाया गया था। इनके साथ ही रुक्शद दारूवाला के ऊपर पांच साल का प्रतिबंध लगाया गया था। दोनों के ऊपर जुर्माना भी लगाया गया था।
उक्त दो ऑडिटरों की तरह वैद्य ने भी एनएफआरए के क्षेत्राधिकार को अदालत में चुनौती दी थी। अदालत ने 26 जून को एक आदेश पारित किया था।
डेलॉयट ने इस बारे में टिप्पणी नहीं की है।
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