Edited By PTI News Agency,Updated: 06 Aug, 2020 10:23 PM
नयी दिल्ली, 24 अगस्त (भाषा) कृषि मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह चालू वित्तवर्ष में एक केन्द्रीय योजना के तहत कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में 244.85 करोड़ रुपये की राशि के साथ 234 और स्टार्टअप का वित्तपोषण करेगा।
नयी दिल्ली, 24 अगस्त (भाषा) कृषि मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह चालू वित्तवर्ष में एक केन्द्रीय योजना के तहत कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में 244.85 करोड़ रुपये की राशि के साथ 234 और स्टार्टअप का वित्तपोषण करेगा।
सरकार, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) के तहत वित्तीय सहायता प्रदान करके तथा उपयुक्त वातावरण बनाते हुए नवाचार और कृषि उद्यमशीलता को बढ़ावा दे रही है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘112 स्टार्टअप का पहले ही 11.85 करोड़ रुपये की राशि के साथ वित्तपोषण किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के 234 स्टार्टअप को 24.85 करोड़ रुपये की धनराशि दी जाएगी।’’
इसमें कहा गया है कि मौजूदा चरण में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के कुल 346 स्टार्टअप को 36.71 करोड़ रुपये की धनराशि दी जा रही है। इस फंड को किस्तों में जारी किया जाएगा।
ये स्टार्टअप, जो पूरे भारत में फैले 29 कृषि-व्यवसाय अनुकूलन केंद्रों में दो महीने के लिए प्रशिक्षित किए गए थे, युवाओं को रोजगार प्रदान करते हैं। इसके अलावा, वे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से किसानों को अवसर प्रदान करते हुए उनकी आय बढ़ाने में योगदान देंगे।
मंत्रालय के अनुसार, उभरने के लिए विकसित किये जा रहे कुछ स्टार्टअप्स विभिन्न कृषि समाधानों की पेशकश करते हैं।
उदाहरण के लिए, एक्टिविक्स एनिमल हेल्थ टेक्नोलॉजीज - जिसे वेट्ज़ के नाम से जाना जाता है - पशु चिकित्सा डॉक्टरों का एक नेटवर्क है जो ग्राहकों (पशु मालिकों) के साथ वास्तविक समय के टेली-परामर्श और घर जाकर तत्काल संपर्क सुविधा प्रदान करता है।
एक अन्य स्टार्ट-अप एसएनएल इनोवेशंस इनोफ़ार्म्स, घरेलू स्तर पर विकसित किये गये मोनोब्लॉक फ्रूट प्रोसेसिंग प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करते हुए खेत में ही फलों और सब्जियों का प्रसंस्करण कर उनके गूदे निकालती हैं। ऐसे निकाले गये फलों और सब्जियों के गूदे (पल्प) का स्वजीवन एक वर्ष का होता है।
इसी प्रकार ईएफ पॉलिमर ने किसानों के लिए पानी की कमी के संकट को हल करने के उद्देश्य से एक पर्यावरण-अनुकूल जल प्रतिधारक पॉलीमर विकसित किया है।
मंत्रालय ने कहा कि ऐसा ही एक स्टार्ट-अप ‘ए 2 पी एनर्जी सॉल्यूशन’ है जो महिलाओं द्वारा स्थापित किया गया है। यह कंपनी बेकार बायोमास का पता लगाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का उपयोग करती है और फिर इस बायोमास का संग्रहण करने के लिए किसानों के साथ मिलकर काम करती है।
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