Edited By rajesh kumar,Updated: 08 Aug, 2020 11:21 AM
दिल्ली सरकार ने कर रिटर्न दाखिल नहीं करने वाली 5,500 से अधिक कंपनियों को शुक्रवार को नोटिस जारी किया। एक बयान में कहा गया कि सरकार कर जीएसटी कर रिटर्न दाखिल नहीं करने वालों या डिफॉल्टरों की सूची भी तैयार कर रही है।
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने कर रिटर्न दाखिल नहीं करने वाली 5,500 से अधिक कंपनियों को शुक्रवार को नोटिस जारी किया। एक बयान में कहा गया कि सरकार कर जीएसटी कर रिटर्न दाखिल नहीं करने वालों या डिफॉल्टरों की सूची भी तैयार कर रही है।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कोविड-19 महामारी से ई-कॉमर्स, बीमा और वित्तीय सेवा सहित नौ क्षेत्र प्रभावित नहीं हुए हैं। लेकिन इन क्षेत्रों की करीब 935 कंपनियों ने कोई कर नहीं दिया है। वहीं 2,017 कंपनियां ऐसी हैं जिन्होंने सिर्फ 50 प्रतिशत कर चुकाया है। सिसोदिया के पास वित्त मंत्रालय का भी प्रभार है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार सख्ती से उन कारणों की जांच करेगी जिनकी वजह से इन कंपनियों ने कर रिटर्न जमा नहीं किया है। एक विश्लेषण से पता चलता है कि सरकार को पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 2,015 करोड़ रुपये का कम कर प्राप्त हुआ है। वहीं 2019 में सरकार को 5,792 करोड़ रुपये का कर प्राप्त हुआ था, लेकिन इस साल जनवरी से मार्च के दौरान सरकार का कर संग्रहण सिर्फ 3,777 करोड़ रुपये रहा है।
दिल्ली सरकार अपना कर संग्रह बढ़ाने के लिये कड़ी मेहनत कर रही है। इससे सरकार को विभिन्न विकास कार्यों और महामारी से संबंधित कार्यों को आगे बढ़ाने में मदद मिलगी। पिछले तिमाही के कर संग्रह की समीक्षा से यह पता चला है कि माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के तहत पंजीकृत 10,800 कंपनियों ने दिल्ली सरकार को या तो कोई कर नहीं दिया है या फिर कम कर दिया है। इसमें कहा गया है कि दिल्ली सरकार ने इन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है और शुक्रवार को 5,584 कंपनियों को जीएसटीआर कानून की धारा 3ए के तहत कर रिटर्न दाखिल नहीं करने पर नोटिस भेजा है। वहीं 36 कंपनियों को कर रिटर्न दाखिल नहीं करने पर वैट नौटिस जारी किया है।