आयात के बढ़ते दबाव से तेल- तिलहन बाजार में गिरावट का रुख

Edited By PTI News Agency,Updated: 20 Aug, 2020 04:50 PM

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नयी दिल्ली, 20 अगस्त (भाषा) विदेशों से सोयाबीन डीगम और कच्चे पाम तेल के बढ़ते आयात के बीच स्थानीय तेल-तिलहन बाजार में बृहस्पतिवार को लगभग सभी तेल- तिलहनों में गिरावट का रुख रहा।

नयी दिल्ली, 20 अगस्त (भाषा) विदेशों से सोयाबीन डीगम और कच्चे पाम तेल के बढ़ते आयात के बीच स्थानीय तेल-तिलहन बाजार में बृहस्पतिवार को लगभग सभी तेल- तिलहनों में गिरावट का रुख रहा।

बाजार सूत्रों का कहना है कि विदेशों में पाम तेल का भारी उत्पादन हुआ है। इसके अलावा वहां पहले से भी पामतेल का भारी स्टॉक जमा है। दूसरी ओर सोयाबीन का जो आयात पहले अर्जेन्टीना से होता था, वह अब तुर्की और रूस जैसे देशों से बढ़ रहा है जहां सोयाबीन डीगम के भाव अर्जेन्टीना के मुकाबले काफी कम है। इसके कारण बुधवार को शिकागो एक्सचेंज में सोयाबीन डीगम में तीन प्रतिशत की गिरावट देखी गई। आने वाले दिनों में भारत में सोयाबीन डीगम के आयात में और वृद्धि हो सकती है। क्योंकि घरेलू तेलों का भाव इससे महंगा पड़ता है।
बाजार जानकारों के मुताबिक देश में ज्यादातर सरसों व अन्य देशी तेलों में ‘ब्लेंडिंग’ के लिए सोयाबीन डीगम का आयात किया जाता है।
सूत्रों का कहना है कि निजी तेल मिलों के पास सरसों का कोई स्टॉक नहीं है। सरसों का अधिकांश स्टॉक या तो सहकारी संस्था नाफेड या फिर किसानों के पास है। लॉकडाऊन के अवरोधों के कारण इस बार किसान मंडियों में कम फसल लाये। नाफेड जैसी सहकारी संस्थाओं द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद करने से नाफेड के पास कुछ स्टॉक जमा हो गया। नाफेड अपने स्टॉक की 4,800 रुपये क्विन्टल (वारदाना व अन्य सारे खर्च शामिल) के ऊपर ही वाजिब कीमत पर थोड़ी मात्रा में सरसों की बिकवाली कर समझदारी का परिचय दे रही है क्योंकि सरसों तेल का कोई विकल्प नहीं है और अगली फसल आने में अभी लगभग आठ माह की देर है।
सूत्रों ने कहा कि सरकार को केवल आयातकों के बजाय तेल तिलहन उद्योग की चिंताओं से अवगत होते हुए उसे दूर करने के उपाय करना चाहिये। सस्ते आयात के कारण देशी तिलहन बाजार में खप नहीं पा रहे हैं और तेल मिलें बंद हो रही हैं। वहीं आयातक बेपड़ता होने के बावजूद भी कारोबार कर रहे हैं और आयात लगातार बढ़ रहा है।

थोक तेल-तिलहन बाजार के बंद भाव बृहस्पतिवार को इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)
सरसों तिलहन - 5,075- 5,125 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली दाना - 4,560- 4,610 रुपये।

वनस्पति घी- 965 - 1,070 रुपये प्रति टिन।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 11,930 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 1,765- 1,825 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 10,270 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 1,575 - 1,715 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 1,685 - 1,805 रुपये प्रति टिन।

तिल मिल डिलिवरी तेल- 11,000 - 15,000 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 9,200 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 9,050 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम- 8,140 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला-7,450 से 7,500 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 8,180 रुपये।

पामोलीन आरबीडी दिल्ली- 8,950 रुपये।

पामोलीन कांडला- 8,150 रुपये (बिना जीएसटी के)।

सोयाबीन तिलहन डिलिवरी भाव 3,605- 3,630 लूज में 3,340 -- 3,405 रुपये।

मक्का खल (सरिस्का) - 3,500 रुपये


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