औद्योगिक कर्मचारियों के लिये खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई में मामूली घटकर 5.33 प्रतिशत रही

Edited By PTI News Agency,Updated: 31 Aug, 2020 05:12 PM

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नयी दिल्ली, 31 अगस्त (भाषा) कुछ खाद्य पदार्थों की कीमतें कम होने से औद्योगिक कर्मचारियों के लिये खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई महीने में मामूली घटकर 5.33 पतिशत रही। एक साल पहले इसी महीने में यह 5.98 प्रतिशत थी।

नयी दिल्ली, 31 अगस्त (भाषा) कुछ खाद्य पदार्थों की कीमतें कम होने से औद्योगिक कर्मचारियों के लिये खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई महीने में मामूली घटकर 5.33 पतिशत रही। एक साल पहले इसी महीने में यह 5.98 प्रतिशत थी।
श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘सालाना आधार पर सभी जिंसों की मुद्रास्फीति इस साल जुलाई में 5.33 प्रतिशत रही। एक महीने पहले जून 2020 में यह 5.06 प्रतिात और एक साल पहले जुलई 2019 में यह 5.98 प्रतिशत थी।’’
खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर जुलाई महीने में 6.38 प्रतिशत रही। यह पिछले महीने जून में 5.49 प्रतिशत और एक साल पहले जुलाई 2019 में 4.78 प्रतिशत थी।

अखिल भारतीय औद्योगिक कर्मचारियों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-आईडब्ल्यू) जुलाई 2020 में 4 अंक बढ़कर 336 अंक रहा। प्रतिशत के हिसाब से पिछले माह के मुकाबले यानी जून-जुलाई के बीच इसमें 1.20 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि एक साल पहले इसी माह की तुलना में 0.95 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

श्रम मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार मौजूदा सूचकांक में सर्वाधिक तेजी आवास समूह से आयी है। इसका कुल बदलाव में योगदान (+) 2.28 प्रतिशत रहा।
जिंसों के आधार पर गेहूं आटा, सरसों तेल, दूध (भैंस), हरी मिर्च, बैगन, पालक, परवल, आलू, टमाटर रसोई गैस, लकड़ी, बस का किराया, पेट्रोल, सिलाई शुल्क आदि के कारण सूचकांक में बढ़ोतरी हुई है।

हालांकि, दूसरी तरफ चावल, ताजी मछली, बकरे का मांस, पाल्ट्री (चिकेन), नींबू आदि सस्ता होने से सूचकांक में तेजी पर अंकुश लगा।

केंद्र के स्तर पर जमशेदपुर में सर्वाधिक 36 अंक की वृद्धि हुई। उसके बाद हल्दिया (23 अंक), तिरूचिरापल्ली (13 अंक), कोडरमा और फरीदाबाद (12-12 अंक), श्रीनगर (11 अंक), लखनऊ और दमदम, तिनसुकिया (10-10 अंक) का स्थान रहा।
आंकड़ों के अनुसार दो केंद्रों में 8-8 अंक, पांच केंद्रों में 7-7 अंक, आठ केंद्रों में 6-6 अंक, सात केंद्रों में 5-5 अंक, दस केंद्रों में 4-4 अंक, नौ केंद्रों में 3-3 अंक, नौ दूसरे केंद्रों पर 2-2 अंक और नौ अन्य केंद्रों में 1-1 अंक की वृद्धि हुई।

इसके विपरीत मदुरै में 5 अंक की गिरावट आयी। इसके अलावा एक केंद्र में 3 अंक, एक और केंद्र में 2 अंक और दो केंद्रों में 1-1 अंक की गिरावट आयी। शेष छह केंद्रों में सूचकांक स्थिर रहे।

कुल 31 केंद्रों का सूचकांक आखिल भारतीय सूचकांक से अधिक है जबकि 45 केंद्रों में यह आखिल भारतीय स्तर से नीचे है। छिंदवाड़ा और जालंधर केंद्रों का सूचकांक आखिल भारतीय स्तर के बराबर है।

श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा, ‘‘मुख्य रूप से आवास किराया और आलू, टमाटर, अैषधि, बस किराया, पेट्रोल आदि के दाम बढ़ने से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक बढ़ा है।’’
सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिये महंगाई भत्ते के निर्धारण में सीपीआई-आईडब्ल्यू मानक है।

मंत्री ने कहा कि सीपीआई-आईडब्ल्यू (रहन-सहन की लागत) में वृद्धि का संगठित क्षेत्र में काम करने वाले औद्योगिक कर्मचारियों के अलावा सरकारी कर्मचारियों के वेतन/मजदूरी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
श्रम ब्यूरो के महानिदेशक डी एस नेगी ने कहा, ‘‘कोविड-19 के कारण आंकड़ा संग्रह में कर्मचारियों को हुई परेशानी के बावजूद श्रम ब्यूरो बिना किसी बाधा के निर्धारित समय पर मासिक सूचकांक लाने में सफल रहा है।’’
उन्होंने कहा कि सूचकांक में वृद्धि का मुख्य कारण आवास और खाद्य समूह के उत्पाद हैं।
आवास सूचकांक हर साल छह महीने के आधार जनवरी और जुलाई में संशोधित होता है।
खाद्य वस्तुओं की श्रेणी में आलू और टमाटर बढ़ोतरी के लिये प्रमुख कारक रहें। इसके अलावा रसोई गैस और पेट्रोल के कारण कीमतें बढ़ीं।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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