निपटारा होने तक जीएसटीक्षति पूर्ति राशि रोकने का अर्थ कहीं अन्य खर्च करना नहीं: वित्त मंत्री

Edited By PTI News Agency,Updated: 26 Sep, 2020 06:27 PM

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नयी दिल्ली, 26 सितंबर (भाषा) वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने राज्यों के हिस्से के 47,272 करोड़ रुपये की माल एवं सेवा कर (जीएसटी) क्षतिपूर्ति राशि को अन्य मदों में खर्च कर दिये जाने के कैग के आकलन का प्रतिकार किया है। उन्होंने कहा कि निपटारे के...

नयी दिल्ली, 26 सितंबर (भाषा) वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने राज्यों के हिस्से के 47,272 करोड़ रुपये की माल एवं सेवा कर (जीएसटी) क्षतिपूर्ति राशि को अन्य मदों में खर्च कर दिये जाने के कैग के आकलन का प्रतिकार किया है। उन्होंने कहा कि निपटारे के लिये क्षतिपूर्ति कोष की राशि को अस्थायी तौर पर कुछ समय के लिये रोकने का अर्थ केंद्र द्वारा इसे अन्यत्र खर्च कर दिया जाना नहीं है।

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि केंद्र सरकार ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के क्रियान्वयन के पहले दो साल में जीएसटी क्षतिपूर्ति की 47,272 करोड़ रुपये की राशि को अनुचित तरीके से रोक लिया।
मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि राज्यों को 2017-18 और 2018-19 के लिये क्षतिपूर्ति का पूरा भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि क्षतिपूर्ति प्राप्तियों के निपटारे में लगने वाले समय को लेकर यह नहीं कहा जा सकता है कि जीएसटी उपकर कोष का अन्यत्र इस्तेमाल किया गया है, वह भी तब जब केंद्र सरकार के द्वारा राज्यों के हिस्से की पूरी राशि को जारी किया जा रहा है।

सूत्रों ने कहा कि 2017-18 के दौरान जीएसटी क्षतिपूर्ति कोष में 62,611 करोड़ रुपये जमा हुए। इनमें से केंद्र सरकार ने राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को उनके हिस्से की पूरी 41,146 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया। इसी तरह 2018-19 में जमा हुए 95,081 करोड़ रुपये में से राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को उनके हिस्से की पूरी 69,275 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया गया।

उन्होंने कहा कि राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के हिस्से की पूरी राशि का भुगतान कर दिये जाने के बाद निपटारे के लिये 2017-18 और 2018-19 के संग्रह का 47,271 करोड़ रुपये बचा रह गया।

उन्होंने कहा कि 2019-20 में केंद्र सरकार ने राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को 1,65,302 करोड़ रुपये की जीएसटी क्षतिपूर्ति का भुगतान किया, जबकि इस दौरान जीएसटी क्षतिपूर्ति कोष में संग्रह महज 95,444 करोड़ रुपये ही रहा था। यह भुगतान इसी कारण किया जा सका क्योंकि इसमें केंद्र सरकार ने पहले के बचे 47,271 करोड़ रुपये का भी इस्तेमाल किया।

जीएसटी अधिनियम देश में जुलाई 2017 से नयी कर व्यवस्था के लागू होने के बाद पांच साल तक राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को कर से प्राप्त होने वाले राजस्व में 14 प्रतिशत की सालाना वृद्धि तथा कमी होने की स्थिति में क्षतिपूर्ति की गारंटी देता है। यह प्रावधान इस कारण लागू किया गया कि राज्यों को जीएसटी लागू होने की स्थिति में कर संग्रह में हो सकने वाले नुकसान के मोर्चे पर राहत प्रदान की जा सके। जीएसटी कर व्यवस्था में इसी कमी की क्षतिपूर्ति के लिये लग्जरी व समाज के लिये नुकसानदेह माने जाने वाले सामान/सेवा पर उपकर का प्रावधान किया गया है। उपकर से प्राप्त राशि का इस्तेमाल केंद्र सरकार राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति का भुगतान करने में करती है।

सूत्रों का कहना है कि चूंकि सरकार द्वारा एकत्रित उपकर का उपयोग उचित क्षतिपूर्ति के पूर्ण भुगतान के लिये किया गया है, इसलिये यह आरोप नहीं लगाया जा सकता है कि बची उपकर राशि का इस्तेमाल अन्य प्रायोजनों के लिये किया गया है।




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