हरित प्रमाणपत्रों का व्यापार 28 अक्टूबर से पुन: शुरू होने का अनुमान

Edited By PTI News Agency,Updated: 04 Oct, 2020 01:55 PM

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नयी दिल्ली, चार अक्टूबर (भाषा) बिजली कारोबार बाजार इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (आईईएक्स) और पावर एक्सचेंज इंडिया लिमिटेड (पीएक्सआईएल) ने नवीकरणीय ऊर्जा प्रमाणपत्र (आरईसी) का कारोबार तीन महीने बंद रहने के बाद 28 अक्टूबर से फिर से शुरू होने की...

नयी दिल्ली, चार अक्टूबर (भाषा) बिजली कारोबार बाजार इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (आईईएक्स) और पावर एक्सचेंज इंडिया लिमिटेड (पीएक्सआईएल) ने नवीकरणीय ऊर्जा प्रमाणपत्र (आरईसी) का कारोबार तीन महीने बंद रहने के बाद 28 अक्टूबर से फिर से शुरू होने की उम्मीद व्यक्त की है।

विद्युत के लिये अपीलीय न्यायाधिकरण (एपीटीईएल) ने आरईसी के मूल्य निर्धारण पर सुनवाई पूरी कर ली है। इसी कारण कारोबार पुन: शुरू होने की उम्मीद जगी है।

आईएक्स और पीएक्सआईएल पर हर महीने के आखिरी बुधवार को आरईसी का कारोबार होता है।

एपीटीईएल ने केंद्रीय विद्युत नियामकीय आयोग (सीईआरसी) के द्वारा हरित प्रमाणपत्रों की न्यूनतम तथा अधिकतम कीमत तय किये जाने से संबंधित मुद्दे पर तीन अलग-अलग याचिकाओं की सुनवाई करते हुए इस साल जुलाई में चार सप्ताह तक आरईसी का कारोबार स्थगित करने का निर्णय लिया था। इसके बाद से आरईसी का कारोबार बंद है।

पीएक्साआईएल के प्रबंध निदेशक (एमडी) एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) प्राभजीत कुमार सरकार ने इस बारे में पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘एपीटीईएल ने इस मामले की सुनवाई पूरी कर ली है और फैसले को सुरक्षित रखा है। हम उम्मीद करते हैं कि एपीटीईएल शीघ्र ही अपना फैसला सुनायेगा ताकि बिना किसी अतिरिक्त देरी के इस महीने 28 अक्टूबर से हरित प्रमाणपत्रों का कारोबार शुरू हो सके।’’
एपीटीईएल के पोर्टल पर उपलब्ध ताजी जानकारी के अनुसार, तीनों याचिकाओं पर दलीलों को सुना जा चुका है और फैसले को अभी सुरक्षित रखा गया है। पोर्टल पर यह भी कहा गया है फैसले की घोषणा किये जाने तक अंतरिम आदेश प्रभावी रहेगा।

एपीटीईएल ने 29 जुलाई को आरईसी के कारोबार को 26 अगस्त तक के लिये स्थगित कर दिया था। ग्रीन एनर्जी एसोसएिशन, इंडियन विंड पावर एसोसिएशन आफ टेक्नो इलेक्ट्रिक एंड इंजीनियरिंग कंपनी लि. के सीईआरसी के आरईसी के न्यूनतम और अधिकतम मूल्य तय करने के बारे में दिये गये आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए एपीटीईएल ने स्थगन आदेश दिया था।

आदेश के कारण आरईसी का कारोबार 26 अगस्त और 30 सितंबर को नहीं हो पाया था।
एपटेल ने तीनों अपील पर 26 अगस्त को फिर से सुनवाई करने के बाद कहा था, ‘‘अंतरिम आदेश अगली सुनवाई तक बना रहेगा...मामले की अगली सुनवाई चार और पांच सितंबर को होगी।’’
सीईआरसी के जून के एक आदेश के अनुसार, सौर व गैर-सौर आरईसी की न्यूनतम कीमत को पहले के एक हजार रुपये से घटाकर शून्य कर दिया गया था। इसी तरह सौर व गैस सौर ऊर्जा की अधिकतम कीमत को भी घटाकर क्रमश: 2,400 रुपये और 3,000 रुपये कर दिया गया था।

सीईआरसी के द्वारा आरईसी की तय अधिकतम व न्यूनतम कीमतें एक जुलाई 2020 से 30 जून 2021 तक अथवा आयोग के अगले आदेश तक वैध हैं।

उच्चतम न्यायालय ने जून में ग्रीन एनर्जी एसोसिएशन की सीईआरसी द्वारा आरईसी कीमत समीक्षा रोके जाने को लेकर दायर अपील पर सुनवाई करने से मना कर दिया था।

उद्योग विशेषज्ञों की राय है कि आरईसी की ऊंची कीमत से बिजली दर के रूप में ग्राहकों पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है।

आरईसी का कारोबार दोनों एक्सचेंज आईईएक्स और पीएक्सआईएल में हर महीने के अंतिम बुधवार को होता है।

नवीकरणीय ऊर्जा खरीद बाध्यता (आरपीओ) के तहत वितरण कंपनियां, सीधे उत्पादक कंपनियों से बिजली खरीद की सुविधा वाले और निजी उपभोग के लिये बिजली उत्पदन करने जैसे थोक ग्राहकों के लिये आरईसी का एक हिस्सा खरीदना होता है। वे आरईसी आरपीओ नियमों को पूरा करने के लिये नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादकों से खरीद सकते हैं।

वित्त वर्ष 2019-20 में नवीकरणीय ऊर्जा प्रमाणपत्रों की बिक्री 29 प्रतिशत घटकर 89.27 लाख इकाई रही। 2018-19 में 1.26 करोड़ यूनिट की बिक्री हुई थी।




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