Edited By PTI News Agency,Updated: 15 Oct, 2020 09:23 PM
नयी दिल्ली, 15 अक्टूबर (भाषा) इंडियन ऑयल के चेयरमैन श्रीकांत माधव वैद्य ने बृहस्पतिवार को कहा कि सऊदी अरामको और अबु धाबी नेशनल आयल कंपनी (एडनॉक) अभी भी पश्चिमी तट पर रिफाइनरी सह पेट्रोरसायन परियोजना में 44 अरब डॉलर का निवेश करने के लिये...
नयी दिल्ली, 15 अक्टूबर (भाषा) इंडियन ऑयल के चेयरमैन श्रीकांत माधव वैद्य ने बृहस्पतिवार को कहा कि सऊदी अरामको और अबु धाबी नेशनल आयल कंपनी (एडनॉक) अभी भी पश्चिमी तट पर रिफाइनरी सह पेट्रोरसायन परियोजना में 44 अरब डॉलर का निवेश करने के लिये प्रतिबद्ध हैं।
लॉकडाउन के चलते ईंधन की मांग में कमी, कच्चे तेल की कीमतों के ऐतिहासिक निचले स्तर पर चले जाने और पश्चिमी तट की परियोजना को लेकर भू-अधिग्रहण संबंधी दिक्कतें पेश आने के बाद सऊदी अरामको के इस परियोजना में निवेश नहीं करने की अटकलें थीं।
एनर्जी इंटेलीजेंस फोरम 2020 को संबोधित करते हुए वैद्य ने कहा, ‘‘सऊदी अरेबियन ऑयल कंपनी (सऊदी अरामको) और आबूधाबी नेशनल ऑयल कंपनी (एडनॉक) अभी भी परियोजना में निवेश के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’
वैध ने कहा कि एक बार भू-अधिग्रहण संबंधी मुद्दे सुलझ जाएं, दोनों कंपनियां इस परियोजना में निवेश को लेकर प्रतिबद्ध हैं।
महाराष्ट्र के तटीय इलाके में स्थापित होने वाली इस परियोजना में इंडियन ऑयल की 25 प्रतिशत, भारत पेट्रोलियम एवं हिंदुस्तान पेट्रोलियम दोनों की संयुक्त तौर पर 25 प्रतिशत और सऊदी अरामको एवं एडनॉक की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी का प्रसताव है। इसकी क्षमता छह करोड़ टन वार्षिक होगी।
भारत की वर्तमान रिफाइनरी क्षमता 25 करोड़ टन सालाना यानी 50 लाख बैरल प्रति दिन है। जबकि देश में ईंधन मांग 2050 तक बढ़कर एक करोड़ बैरल प्रतिदिन होने का अनुमान है। ऐसे में देश की ईंधन रिफाइनरी क्षमता को बढ़ाने की जरूरत है।
उल्लेखनीय है कि सऊदी अरामको रिलायंस इंडस्ट्रीज में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए भी बातचीत की प्रक्रिया में है। इसके लिए वह 15 अरब डॉलर का निवेश करने वाली है।
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