Edited By PTI News Agency,Updated: 16 Oct, 2020 10:58 PM
नयी दिल्ली, 16 अक्टूबर (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव से निपटने के लिये देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 10 प्रतिशत प्रोत्साहन पैकेज और श्रम क्षेत्र में बड़े सुधारों समेत...
नयी दिल्ली, 16 अक्टूबर (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव से निपटने के लिये देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 10 प्रतिशत प्रोत्साहन पैकेज और श्रम क्षेत्र में बड़े सुधारों समेत कई कदम उठाये हैं।
विश्वबैंक विकास समिति की 102वीं बैठक के पूर्ण सत्र में भाग लेते हुए सीतारमण ने कहा कि कोविड-19 महामारी लगातार विकासशील और विकसित देशों को प्रभावित कर रही है।
उन्होंने कहा कि कई वर्षों की अथक मेहनत के बाद गरीबी के स्तर में कमी लाने की उपलब्धि हासिल की गयी है, इस बीमारी के कारण उसे गंवाने का जोखिम खड़ा हुआ है।
सीतारमण ने कहा कि भारत सरकार ने महामारी को फैलने से रोकने के साथ उसके सामाजिक और आर्थिक प्रभाव को कम करने के लिये कई कदम उठाये गये। सबसे पहले सरकार ने 23 अरब डालर का पहला प्रोत्साहन जारी किया जिसमें गरीबों को सीधे नकदी का हस्तांतरण और खाद्य सुरक्षा के उपाय किये गये।
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के आह्वान के तहत 271 अरब डॉलर का विशेष आर्थिक पैकेज जारी किया गया जो भारत की जीडीपी के 10 प्रतिशत के बराबर है।
वित्त मंत्रालय के बयान के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘‘कंपनियों को राहत देने के लिये कदम उठाये गये। कायदे कानूनों को सरल बनाया गया, 44 केंद्रीय श्रम कानूनों को मिलाकर तथा उसे युक्तिसंगत बनाकर श्रम क्षेत्र में बड़े सुधार किये गये। राशन कार्ड के कहीं भी उपयोग की व्यवस्था के जरिये प्रवासी मजदूरों को प्रभावी सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध करायी गयी।’’
सीतारमण ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक) के जरिये समर्थन उपलब्ध कराया गया। कृषि क्षेत्र में तथा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में आबंटन बढ़ाकर 27.13 अरब डॉलर की मदद दी गयी।
उन्होंने कहा कि महामारी को देखते हुए स्वास्थ्य ढांचागत सुविधा को मजबूत बनाने के लिये, सरकार ने 2.03 अरब डॉलर की प्रतिबद्धता जतायी है।
वित्त मंत्री ने कहा कि वैश्विक समुदाय का एक जिम्मेदार सदस्य होने के नाते भारत अपने अनुभव साझा करने और दक्षिण एशियाई क्षेत्र में ‘पड़ोसी पहले’ की नीति के तहत अग्रणी भूमिका निभाने को तैयार है।
उन्होंने कहा कि महामारी से प्रभावी तरीके से निपटने के लिये सामूहिक रूप से कदम महत्वपूर्ण है।
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